वायनाड भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग, केंद्रीय मंत्री बोले- वैधानिकता पर विचार करेंगे
केरल राज्य को केंद्र से मदद मिलने के सवाल पर केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि 'राज्य को भूस्खलन से हुए नुकसान की समीक्षा करके केंद्र सरकार को इसकी सूचना देनी होगी और सहायता की मांग करनी होगी। उसके बाद ही केंद्र सरकार मदद कर सकती है।
तिरुवनंतपुरम (आरएनआई) केरल के वायनाड में भूस्खलन से हुई भारी तबाही को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग उठ रही है। जब इसे लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री सुरेश गोपी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार वायनाड भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए इसकी वैधानिकता की जांच करेगी। वायनाड के भूस्खलन में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। केंद्रीय राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने रविवार को भूस्खलन प्रभावित वायनाड का दौरा किया। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने ये बात कही।
केंद्रीय पर्यटन, पेट्रोलियम और नैचुरल गैस राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने कहा कि 'वायनाड भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए केंद्र सरकार इसके कानूनी पहलू पर विचार करेगी और इसके लिए भूस्खलन प्रभावित इलाकों मुनदक्कई और चूरालमाला की समीक्षा के साथ ही भूस्खलन के प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा।' केंद्रीय मंत्री ने वायनाड दौरे पर बचाव कार्यों में लगे अधिकारियों से तलाशी अभियान की जानकारी ली। केरल राज्य को केंद्र से मदद मिलने के सवाल पर केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि 'राज्य को भूस्खलन से हुए नुकसान की समीक्षा करके केंद्र सरकार को इसकी सूचना देनी होगी और सहायता की मांग करनी होगी। उसके बाद ही केंद्र सरकार मदद कर सकती है।' केंद्रीय मंत्री ने पीड़ितों की काउंसिलिंग कराने की मांग राज्य सरकार से की।
वायनाड में भूस्खलन प्रभावित इलाकों में तलाशी अभियान में विभिन्न बलों के सैंकड़ों जवान लगे हुए हैं। इनमें एनडीआरएफ, के-9 डॉग स्कवॉड, सेना, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप, मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप, पुलिस, अग्निशमन बल, वन विभाग, नौसेना के साथ ही तटरक्षक बल के जवान भी अभियान में जुटे हैं। वायनाड भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग पर भाजपा ने रविवार को प्रतिक्रिया दी। भाजपा ने कहा कि यूपीए की सरकार में तय किए गए प्रावधानों के तहत केरल के भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया जा सकता।
भाजपा के वरिष्ठ नेता वी मुरलीधरन ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि साल 2013 के संसदीय दस्तावेजों के अनुसार प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लिखा कि 'केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के तहत राष्ट्रीय आपदा का कोई कॉन्सेप्ट ही नहीं है और यह यूपीए सरकार से नियम है। 6 अगस्त 2013 को लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में तत्कालीन मंत्री मुलापल्ली रामचंद्रन ने यह जानकारी दी थी। क्योंकि राष्ट्रीय आपदा का कोई कॉन्सेप्ट नहीं है तो आपदाओं को उनकी गंभीरता के आधार पर देखा जाता है।' मुरलीधरन ने अपील की कि आपदा के समय बेवजह के विवाद खड़े नहीं किए जाने चाहिए।
मुरलीधरन ने कहा कि केंद्र सरकार प्रभावित राज्य सरकारों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि वायनाड में, सेना लगातार छठे दिन आपदा से तबाह हुए क्षेत्रों में बचाव और राहत प्रयासों का नेतृत्व कर रही है। आपदा के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से मृतकों के परिवारों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के परिवारों के लिए 50,000 रुपये की घोषणा की। भाजपा नेता ने कहा कि 'प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को फोन किया और सभी तरह की सहायता की पेशकश की। इसलिए, मैं अनुरोध करता हूं कि आपदा के इस समय में कोई भी व्यक्ति निराधार विवाद पैदा करने का प्रयास न करें।'
मुरलीधरन का यह बयान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा वायनाड का दौरा करने के बाद इस भूस्खलन को 'राष्ट्रीय आपदा' बताने के कुछ दिनों बाद आया है। वायनाड के पूर्व सांसद गांधी ने इसे 'वायनाड, केरल और राष्ट्र के लिए एक भयानक त्रासदी' करार दिया। उन्होंने कहा था, 'मेरे लिए यह निश्चित रूप से एक राष्ट्रीय आपदा है, लेकिन देखते हैं सरकार क्या कहती है।
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