शाहाबाद: वकील का घर के अंदर बेड पर मिला जला हुआ शव शॉर्ट सर्किट से आग लगने की संभावना

Oct 23, 2024 - 18:57
Oct 23, 2024 - 21:59
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शाहाबाद: वकील का घर के अंदर बेड पर मिला जला हुआ शव  शॉर्ट सर्किट से आग लगने की संभावना
शाहाबाद: वकील का घर के अंदर बेड पर मिला जला हुआ शव  शॉर्ट सर्किट से आग लगने की संभावना

शाहाबाद हरदोई। कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला चौक में रहने वाले डीआईओएस के वकील पुत्र की घर के अंदर कर सर्किट से करंट लगने के बाद जलकर मौत हो गई। पूरे दिन जब शैलेश ने अपने पिता का फोन नहीं उठाया तो आसपास के लोगों ने देखा तो पिता ने पड़ोसियों को सूचना दी। पड़ोसियों ने देखा तो दरवाजा अंदर से बंद था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो अंदर बेड पर शैलेश का जला हुआ शव पड़ा था। शैलेश के पिता मुरादाबाद में तैनात है। शाहाबाद कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला चौक निवासी श्यामा कुमार राजकीय इंटर कॉलेज मुरादाबाद में प्राचार्य थे। अभी जल्दी ही उनका डीआईओएस के पद पर प्रमोशन हुआ है । वह अपनी पत्नी के साथ मुरादाबाद में रहते हैं। उनका बेटा शैलेश कुमार उर्फ दीपक उम्र 28 वर्ष जिला मुख्यालय पर वकालत की प्रैक्टिस करता है। और चौक स्थित अपने आवास पर अकेला रहता था। पिता श्यामा कुमार लगातार सुबह से शैलेश को फोन कर रहे थे। शैलेश का फोन नहीं उठ रहा था। उन्होंने आसपास के लोगों को फोन पर सूचना दी कि शैलेश से बात करवा दें। आसपास के लोगों ने बताया कि शैलेश ने आज दरवाजा नहीं खोला। श्यामा कुमार ने अपने मित्र उमेश चौधरी को सूचना दी। उमेश चौधरी बुधवार शाम तकरीबन 4:00 बजे उनके आवास पर पहुंचे और देखा दरवाजा बंद है। तो आवाज देकर दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया परंतु दरवाजा नहीं खुला। उसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। उसके बाद दरवाजा काटकर पुलिस अंदर पहुंची तो कमरे में बेड के ऊपर शैलेश का जला हुआ शव पड़ा था। बेड पर ही बिजली का प्रेस रखा था। कयास यह लगाया जा रहा है कि प्रेस करते वक्त या तो शैलेश के करंट लगा और शैलेश गिर गया और प्रेस बेड पर रखी रही जिससे बेड जल गया या फिर शैलेश लगी हुई प्रेस छोड़कर सो गया। कमरे का सारा सामान और कुर्सियां जली हुई थी। शैलेश भी पूरी तरह से जल चुका था। शैलेश घर में अपनी बहन के साथ रहता था। एक साल पहले उसकी बहन की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। शैलेश इस वक्त घर में अकेला रहता था। उसकी मां उसके पिता के साथ में रहती है। छोटा भाई बाहर पढ़ रहा है। समाचार लिखे जाने तक डीआईओएस श्यामा कुमार अपने घर नहीं पहुंच सके थे।

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