‘‘लोग दिखा रहे हैं समझदारी, आप भी निभाएं जिम्मेदारी’’

एमडीए अभियान का आखिरी दिन पांच मार्च को, जिले में 82.1  प्रतिशत लोग खा चुके हैं फाइलेरिया से बचाव की दवा, फाइलेरिया मरीज लोगों को समझाकर खिलवा रहे हैं बचाव की दवा। 

Mar 4, 2024 - 20:00
Mar 4, 2024 - 20:00
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‘‘लोग दिखा रहे हैं समझदारी, आप भी निभाएं जिम्मेदारी’’

शाहजहांपुर (आरएनआई) फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 10 फरवरी से शुरू हुए सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) के दौरान फाइलेरिया मरीज भी लोगों को समझा कर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलवा रहे हैं । पेशेंट स्टेक होल्डर प्लेटफार्म से जुड़े मरीज अपने अनुभव साझा कर बीमारी की गंभीरता से  लोगों को अवगत करा रहे हैं । वह लोगों को समझा रहे हैं कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी  है, जो  क्यूलेक्स मादा मच्छर के काटने से होती है । स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों, विभिन्न विभागों के आपसी समन्वय, ग्राम प्रधान, शिक्षक, आशा कार्यकर्ता, फाइलेरिया योद्धाओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की कोशिश से जिले में इस समय 80.6 फीसदी लोग दवा का सेवन कर चुके हैं । पांच मार्च अभियान का आखिरी दिन है।

अभियान के दौरान लोगों के बीच यह संदेश देने पर जोर है कि फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद क्यूलेक्स मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को  काटती है तो उसे भी संक्रमित कर देती है।मच्छरों से बचाव के उपाय कर व साल में एक बार पांच साल तक लगातार फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करके इस बीमारी से बच सकते हैं।  इसका असर है कि लोग खुद तो दवा खा ही रहे हैं एक दूसरे को समझा कर उन्हें भी दवा खिलवा   रहे हैं।   

भावलखेड़ा ब्लॉक के ग्राम जमुई निवासी 82 वर्षीय फाइलेरिया मरीज सोमप्रकाश सिंह ने बताया,    ‘‘मुझे 30 वर्ष से फाइलेरिया   है । फाइलेरिया से मेरे बाएं पैर में सूजन की समस्या है । मैंने बीमारी  के इलाज के लिए  लाखों रुपए खर्च किए लेकिन मेरी बीमारी ठीक नहीं हुई । फाइलेरिया की बीमारी में  ठंड के साथ तेज बुखार आता है । पैर में बहुत दर्द होता है ।  पैर सूज जाता है, जिसमें बहुत असहनीय तकलीफ होती है । चलने  में भी परेशानी होती है । पहले मुझे लगता था मेरे लीवर की समस्या के चलते मुझे फाइलेरिया की बीमारी हो गई है ।  मैंने कभी फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन नहीं किया था । गांव में फाइलेरिया की बीमारी से संबंधित सामुदायिक बैठक हुई जिसमें मैंने प्रतिभाग किया । बैठक के दौरान ही मुझे यह जानकारी मिली कि फाइलेरिया का वाहक क्यूलेक्स मच्छर गंदे पानी में पनपता है । यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फाइलेरिया का संक्रमण फैलाता है । इस मच्छर से बचाव के सभी आवश्यक उपाय करने चाहिए,  साथ में हर साल फाइलेरिया रोधी दवा  खाना चाहिए । मेरी बीमारी तो ठीक नहीं हो सकती, लेकिन किसी अन्य को यह बीमारी न हो इसके लिए लोगों को जागरूक करने की कोशिश कर रहा हूं ।’’   

वह बताते हैं कि बैठक के बाद  उन्होंने पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफार्म में शामिल होकर गांव के लोगों को  सर्वजन दवा सेवन अभियान के लिए जागरूक करना शुरू किया । सामुदायिक बैठक, स्कूल अवेयरनेस कार्यक्रम, रैली और मीडिया कार्यशाला में अपने अनुभवों को साझा किया । लगभग 600 लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक किया ।  इस बीमारी से बचाव की दवा के प्रति उदासीन लोगों के मन में बैठीं भ्रांतियां दूर कर 130 लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कराया। जिसने भी दवा खाने से इनकार किया उसे समझाया गया कि संक्रमण के बाद इस बीमारी के लक्षण दिखने में पांच से पंद्रह वर्ष का समय लग जाता है। एक बार लक्षण दिख गया तो पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाता है ।  

जिला मलेरिया अधिकारी संजय सिंह चौहान  ने बताया कि जनपद के शहरी क्षेत्र सहित भावलखेड़ा, मिर्जापुर और जलालाबाद ब्लॉक में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा अपने सामने मरीजों को दवा का सेवन कराया जा रहा है । इस कार्य में 207 फाइलेरिया योद्धा भी स्वास्थ्य विभाग की टीम की मदद कर रहे हैं।

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