लोकसेवकों के चुनाव लड़ने पर कूलिंग ऑफ पीरियड की मांग पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इन्कार
पीठ ने कहा, सभी के लिए यह 'जनहित' का मौसम है। अचानक चुनाव से पहले यह मौसम आया है। आप याचिका वापस लेना चाहते हैं या बहस करना चाहते हैं? इसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।
नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट ने लोक-सेवकों को उनकी सेवा समाप्त होने के तुरंत बाद राजनीतिक दल के टिकट पर चुनाव - लड़ने से रोकने के लिए कूलिंग ऑफ-पीरियड की मांग वाली याचिका पर विचार करने से मना कर दिया। जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने हालांकि - याचिकाकर्ता आंध्र प्रदेश कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद जीवी हर्ष कुमार को उनकी अपील के साथ उचित अथॉरिटी से संपर्क करने की अनुमति दी।
पीठ ने कहा, सभी के लिए यह 'जनहित' का मौसम है। अचानक चुनाव से पहले यह मौसम आया है। आप याचिका वापस लेना चाहते हैं या बहस करना चाहते हैं? इसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। याचिका में कहा गया था कि लोक सेवकों को सेवानिवृत्ति या इस्तीफे के तुरंत बाद किसी राजनीतिक दल के टिकट पर विधानमंडल, संसद या राज्य विधानसभाओं का चुनाव लड़ने से रोका जाना जरूरी है। याचिका में यह भी प्रार्थना की गई थी कि जिन विधायकों ने सरकारी कर्मचारियों के रूप में कार्य किया है, उन्हें संसद और विधान सभा से सिर्फ एक पेंशन की अनुमति दी जानी चाहिए।
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