लोकसभा स्पीकर ने राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मान्यता दी

18वीं लोकसभा का स्पीकर ओम बिरला को चुन लिया गया है। लोकसभा में ध्वनिमत से बिरला को लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुना गया। इस दौरान पीएम मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी परंपरा के अनुसार आसन तक लेकर गए। ओम बिरला ने 18वीं लोकसभा के अपने पहले संबोधन में आपातकाल को याद किया। हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गई। 

Jun 26, 2024 - 15:05
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लोकसभा स्पीकर ने राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मान्यता दी

नई दिल्ली  (आरएनआई) राहुल गांधी के लोकसभा में विपक्ष के नेता चुने जाने पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, मुझे लगता है कि यह बहुत अच्छा घटनाक्रम है। हमने कांग्रेस कार्यसमिति में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया था कि उन्हें यह पद संभालना चाहिए। उन्होंने इसकी पुष्टि के लिए कुछ समय लिया था। लेकिन अब जब उन्होंने इसे स्वीकार किया है तो मेरी राय में यह बहुत अच्छा संकेत है कि क्योंकि वह देश में सबसे बडा विपक्ष हैं। यह उचित है कि उन्हें इस पद पर आसीन होना चाहिए। 

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सदन में नेता प्रतिपक्ष के रूप में आधिकारिक रूप से मान्यता दे दी। लोकसभा सचिवालय की अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है। राहुल गांधी का नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नौ जून, 2024 से प्रभावी रहेगा।

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने मंगलवार को लोकसभा के कार्यवाहक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) भर्तृहरि महताब को पत्र भेज कर कांग्रेस के इस फैसले के बारे में उन्हें अवगत कराया था कि राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष होंगे। बिरला बुधवार को ध्वनिमत से लोकसभा अध्यक्ष निर्वाचित हुए। वह लगातार दूसरी बार यह उत्तरदायित्व संभाल रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में आपातकाल की निंदा करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की सराहना की और कहा कि उन दिनों के पीड़ितों के सम्मान में मौन रखना एक अच्छा भाव था। बिरला ने लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने के तुरंत बाद आपातकाल की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पढ़ा और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार की आलोचना की। कांग्रेस सांसदों और कुछ अन्य विपक्षी सदस्यों के विरोध के बीच बड़ी संख्या में सांसद कुछ क्षणों के लिए मौन रहे।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा किए एक पोस्ट में लिखा, 'मुझे खुशी है कि माननीय अध्यक्ष ने आपातकाल की कड़ी निंदा की, उस दौरान की गई ज्यादतियों को उजागर किया और यह भी उल्लेख किया कि किस तरह से लोकतंत्र का गला घोंटा गया था।' उन्होंने कहा कि 'आपातकाल 50 साल पहले लगाया गया था, लेकिन आज के युवाओं के लिए इसके बारे में जानना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह इस बात का एक उदाहरण है कि जब संविधान को रौंदा जाता है, जनमत को दबाया जाता है और संस्थाओं को नष्ट किया जाता है, तो क्या होता है।' मोदी ने कहा कि 'आपातकाल के दौरान की घटनाएं इस बात का उदाहरण हैं कि तानाशाही कैसी होती है।

टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, 'नियम कहता है कि अगर सदन का कोई भी सदस्य मत विभाजन की मांग करता है तो प्रोटेम स्पीकर को मत विभाजन की अनुमति देनी होती है। आप लोकसभा के फुटेज में साफ तौर पर देख और सुन सकते हैं कि विपक्षी खेमे के कई सदस्यों ने मत विभाजन के लिए प्रस्ताव रखा और प्रस्ताव को मत विभाजन के बिना ही स्वीकार कर लिया गया। यह इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि यहां सत्तारूढ़ भाजपा के पास संख्या नहीं है। यह सरकार संख्या के बिना चल रही है, यह अवैध, अनैतिक और असंवैधानिक है। 

इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा, 'जो सबसे ज्यादा संविधान की दुहाइयां देते हैं उनको इस बात की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। वो अपनी दादी और पिताजी ने नाम पर वोट बटोरते हैं तो क्या वे उनके किए कारनामों की भी जिम्मेदारी लेते हैं? आज जो संविधान की सबसे ज्यादा दुहाइयां देते हैं वे खुद का भी ट्रैक रिकॉर्ड देखें।

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