लोकसभा में डीपसीक और मणिपुर के मुद्दे पर हुआ हंगामा, सत्तापक्ष-विपक्ष में जमकर हुई बहस
कांग्रेस सांसद ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मणिपुर में जल्द शांति लाने का आश्वासन दिया था, लेकिन करीब 21 महीने बाद भी राज्य की स्थिति गंभीर बनी हुई है और वहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है।

नई दिल्ली (आरएनआई) कांग्रेस ने मंगलवार को मणिपुर में अशांति का जिक्र करते हुए सरकार पर केवल भाषणों और खबरों पर ध्यान देने तथा वास्तविक स्थिति को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। कांग्रेस जहां सत्ताधारी दल को घेरने को कोशिश कर रही थी, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मणिपुर को सड़क और रेल संपर्क से जोड़ने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार को दिया। साथ ही कांग्रेस ने एआई डीपसीक के अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा ने बताने के लिए डीपसीक पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की। इस दौरान लोकसभा में काफी हंगामा देखने को मिला।
लोकसभा में मंगलवार को वर्ष 2024-25 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों के दूसरे बैच, 2021-22 के लिए अतिरिक्त अनुदानों की मांगों और मणिपुर के बजट पर चर्चा हुई। चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा, 'आज पूरी सरकार सिर्फ सुर्खियों को नियंत्रित करने पर जोर दे रही है। वह भाषणों पर अधिक निर्भर है। सरकार वास्तविक स्थिति पर ध्यान नहीं दे रही।'उन्होंने कहा कि 2023 में सदन में अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मणिपुर में जल्द शांति लाने का आश्वासन दिया था लेकिन करीब 21 महीने बाद भी राज्य की स्थिति गंभीर बनी हुई है और वहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आज तक मणिपुर क्यों नहीं गए? गोगोई ने कहा, 'गृह मंत्री को राज्य में राष्ट्रपति शासन की नैतिक जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी।' कांग्रेस सदस्य ने कहा कि देश के उत्तर पूर्व क्षेत्र में शांति बंदूक के दम पर और पुलिस की गश्त से नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि सरकार को राज्य के लोगों की बात को धैर्य से सुनना होगा। गोगोई के भाषण के दौरान भाजपा सदस्य निशिकांत दुबे ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि सदस्य केवल अनुदान की अनुपूरक मांगों पर बोल सकते हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदस्य को अनुदान की अनुपूरक मांगों पर बात करनी चाहिए और कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
इसके बाद जब गोगोई ने अमेरिकी टैरिफ का विषय उठाया तो बिरला ने गोगोई को चेतावनी देते हुए कहा, 'आप राजनीतिक टिप्पणी नहीं करें। आप बार-बार विषय बदल रहे हैं। आप विषय पर बात नहीं करेंगे तो किसी दूसरे वक्ता को मौका दिया जाएगा।' भाजपा के सांसद विप्लव देव ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि कांग्रेस के सदस्य ने मणिपुर की बात की, लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद ही देशवासी उत्तर पूर्व के राज्यों के बारे में जानने लगे हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर में लंबे समय तक कांग्रेस की सरकार रही, लेकिन मणिपुर में तीन राष्ट्रीय राजमार्गों, पहले रेलवे स्टेशन आदि का निर्माण मोदी सरकार में किया गया और विपक्षी दल की सरकार एक राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं बना पाई। उन्होंने कहा कि आज उत्तर पूर्व के 75 प्रतिशत क्षेत्र में आफस्पा लागू नहीं है जिसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता है।
कांग्रेस सांसद गोवाल पड़वी ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि चीन का कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से संबंधित मॉडल 'डीपसीक' अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं बताता है और ऐसे में उसे प्रतिबंधित करना चाहिए तथा इस विषय को चीन की सरकार के समक्ष उठाया जाना चाहिए। पड़वी ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाया। उन्होंने कहा, 'जब डीपसीक से उत्तर प्रदेश के बारे में पूछा जाता है तो वह इसे भारत का हिस्सा बताता है, लेकिन जब अरुणाचल प्रदेश के बारे में पूछा जाता है इसका जवाब नहीं मिलता। यह अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं बताता है।' उनका कहना था कि विदेश मंत्रालय को इस मामले को चीन के समक्ष उठाना चाहिए।
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