'लोक सेवकों में जनता का विश्वास नहीं कम होने दे सकते हैं', बॉम्बे हाईकोर्ट की अहम टिप्पणी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा है कि वह लोगों का लोक सेवकों में विश्वास कम नहीं होने दे सकता है। इसके साथ ही एक सामाजिक कार्यकर्ता के खिलाफ पूर्व तहसीलदार से जबरन वसूली करने और बदनाम करने के मामले को खारिज करने से इनकार कर दिया।

Jul 20, 2024 - 15:50
 0  405
'लोक सेवकों में जनता का विश्वास नहीं कम होने दे सकते हैं', बॉम्बे हाईकोर्ट की अहम टिप्पणी

मुंबई (आरएनआई) बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस ए. एस. गडकरी और नीला गोखले की खंडपीठ ने 1 जुलाई के अपने फैसले में सोलापुर के सामाजिक कार्यकर्ता अजीत कुलकर्णी की तरफ से दायर याचिका को खारिज कर दिया। दरअसल दिसंबर 2022 में मोहोल तहसील कार्यालय के पूर्व तहसीलदार प्रशांत बेडसे ने लोक सेवक के खिलाफ आपराधिक बल प्रयोग करने और उसे अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने, जबरन वसूली और मानहानि के आरोपों में आजीत कुलकर्णी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

इस मामले में पीठ ने एफआईआर को खारिज करने से इनकार करते हुए कहा कि अजीत कुलकर्णी की तरफ से किसी लोक सेवक को दी गई धमकियां आसानी से किसी लोक सेवक को उसके सार्वजनिक कर्तव्यों को पूरा करने से रोकने के बराबर होंगी, खासकर तब जब धमकियों के साथ आक्रामक और खतरनाक कृत्य भी किए गए हों। इस दौरान अदालत ने कहा, ये कृत्य निंदनीय हैं और इन्हें शुरू से ही हतोत्साहित करने की जरूरत है। पीठ ने आगे कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसी लोक सेवक को समाज के सही सोच वाले सदस्यों की नजर में उसकी प्रतिष्ठा को कम करने के लिए सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही अपमानजनक सामग्री के जरिए धमकाया और डराया गया है।

मामले में अदालत ने कहा कि जिले में एक तहसीलदार एक सम्मानित लोक अधिकारी होता है और उससे राजस्व मामलों में महत्वपूर्ण कार्य करने की अपेक्षा की जाती है, उस पद पर बैठे अधिकारी को अपने कार्यालय में आने वाले लोगों से आज्ञाकारिता की अपेक्षा होती है। पीठ ने कहा, अगर उनके पद की प्रतिष्ठा उस माहौल में कम हो जाती है जिस पर उनका अधिकार क्षेत्र है, तो उनके कर्तव्यों के निर्वहन में अराजकता और व्यवधान की संभावना है। वर्तमान समय में इंजीनियर विरोध के माध्यम से झूठी कहानी फैलाने का खतरा शिकायतकर्ता जैसे लोक सेवक के लिए काफी डरावना प्रस्ताव है।

अपने फैसले में अदालत ने आगे कहा कि उसने ये टिप्पणियां केवल लोक सेवकों को उनके सार्वजनिक कर्तव्य का निर्वहन करते समय डराए जाने के खतरों को सामने लाने के लिए की हैं। पीठ ने एफआईआर को रद्द करने से इनकार करते हुए कहा, लोक सेवकों में जनता का विश्वास खत्म नहीं होने दिया जा सकता। ऐसे कृत्यों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि इस तरह के लोग सोशल मीडिया की आड़ में छिप जाते हैं और गैर-जिम्मेदाराना हरकतें करते हैं, जिनमें डराने-धमकाने की प्रवृत्ति होती है। पीठ ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (किसी सरकारी कर्मचारी को उसके आधिकारिक कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत आपराधिक बल शब्द केवल शारीरिक बल तक सीमित नहीं होगा। पीठ ने कहा कि ऐसे कृत्य न केवल अपराध के पीड़ितों को धमकाते हैं, बल्कि आपराधिक न्याय प्रणाली के मूल उद्देश्य को भी विफल करते हैं।

अक्टूबर 2022 में एक व्यक्ति ने अवैध खनन के बारे में चिंता जताई, जिस पर तहसीलदार ने कहा कि दोषी कंपनी के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की गई है और इस संबंध में सभी दस्तावेज उपलब्ध हैं। आश्वासन के बावजूद, उस व्यक्ति ने कुलकर्णी को फोन किया, जिन्होंने तहसीलदार प्रशांत बेडासे से 50 हजार रुपये की मांग की और विरोध प्रदर्शन करने की धमकी दी। बेडासे ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि कुलकर्णी ने उन्हें धमकाने वाले संदेश भेजे और सोशल मीडिया पर झूठे बयानों से उन्हें बदनाम किया। 

Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.