लोक अदालत में सिविल एवं सामान्य फौजदारी के वादो का सुलह समझौता के आधार कराया जाता है निस्तारण
हरदोई( आरएनआई). विधिक सेवा दिवस के अवसर पर आयोजित जागरूकता एवं साक्षरता कार्यक्रम तहसील सभागार बिलग्राम में आज उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष/जिला जज राजकुमार सिंह जी तथा सचिव/अपर जिला जज श्री सुधाकर दुबे के आदेशानुसार तहसील विधिक सेवा समिति के सचिव/तहसीलदार अमित यादव की अध्यक्षता में एवं विनोद कुमार त्रिवेदी प्रशासनिक अधिकारी तहसील बिलग्राम की उपस्थिति में विधिक सेवा दिवस विषय पर विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें लीगल एड क्लीनिक आशीष तिवारी के द्वारा बताया गया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 39 ए के अंतर्गत यह प्रावधान है कि कोई भी नागरिक आर्थिक या अन्य निर्याेग्यता के कारण से वंचित ना रहे, इसी उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 को पारित करके राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया इसका मुख्य उद्देश्य मुकदमे के निस्तारण में देरी होने से दुखी समस्त पक्षकारों के हर तरह के सिविल वाद एवं सामान्य फौजदारी वाद अदालतों में जिसमें समस्त प्राधिकरण एवं आयोग आदि सम्मिलित है जो सुलह समझौते के आधार पर लोक अदालतों द्वारा समाप्त कराए जाते हैं जिसमें निशुल्क सहायता प्रदान करते हुए गरीब व्यक्तियों को अधिवक्ता उपलब्ध कराए जाने का भी प्रावधान किया गया है स इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस की शुरुआत पहली बार 1995 में भारत के सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिए की गई थी जिसका गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के अंतर्गत समाज के कमजोर वर्गों को निशुल्क कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिए और विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए लोक अदालतों का आयोजन करने के उद्देश्य किया गया है। इस अवसर पर पराविधिक स्वयंसेवक प्रेमचंद एवं तहसील के कर्मचारीगढ़ एवं क्षेत्रीय ग्रामवासी उपस्थित रहे।
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