वाराणसी सामूहिक हत्याकांड: लेना था मां-बाप की हत्या का बदला, खत्म कर दिया चाचा का पूरा परिवार; हत्यारे ने खोले हैरान करने वाले राज
वाराणसी में अपने ही चाचा-चाची और उनके तीन बच्चों की हत्या करने वाले भतीजे विशाल को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। आरोपी ने बताया कि उसने अपने माता पिता की हत्या और उसके साथ हो रहे उत्पीड़न का बदला लेने के लिए चाचा के परिवार को खत्म किया है।
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वाराणसी (आरएनआई) बनारस के भेलुपुर थाना क्षेत्र में तीन महीने पहले एक ही परिवार के पांच लोगों की निर्मम हत्या के आरोपियों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। वारदात के बाद से ही मुख्य मुख्य आरोपी विशाल गुप्ता उर्फ विक्की फरार चल रहा था। पुलिस ने अब उसे उसके भाई प्रशांत उर्फ जुगनू के साथ अरेस्ट किया है। दोनों भाई सीरगोवर्धन के लौटूबीर मंदिर के पास खड़े होकर बात कर रहे थे।
दोनों भाइयों ने अपने माता-पिता और दादा की हत्या का बदला लेने के लिए योजनावद्ध तरीके से अपने चाचा राजेंद्र गुप्ता और उनके पूरे परिवार की हत्या की थी। आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि 1997 में उसके माता-पिता और दादा की हत्या हुई थी। यह वारदात उसके चाचा राजेंद्र गुप्ता ने अंजाम दिया था। इस वारदात के बाद भी उन दोनों भाइयों को नौकर की तरह से रखा जाता था।
अभी दो साल पहले ही राजेंद्र और उनके बड़े बेटे ने उनकी बेरहमी से पिटाई की थी और कई दिनों तक घर में बंद रखा था। मुख्य आरोपी विशाल के मुताबिक उसी दिन दोनों भाइयों ने तय कर लिया कि चाचा और उनके परिवार को खत्म करना होगा। इसके बाद इन्होंने बिहार से हथियार और मोबाइल के सिमकार्ड खरीदे और फिर मौका देखकर तीन महीने पहले इस वारदात को अंजाम दिया। मुख्य आरोपी ने बताया कि 4-5 नवंबर 2024 की रात पहले उसने चाचा राजेंद्र गुप्ता को मारा। इसके बाद घर आकर उनकी पत्नी नीतू, उनके बेटे नवनेन्दु और शुभेन्दु, तथा बेटी गौरांगी की भी गोली मार दी।
पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वारदात के बाद वह भागकर मुगलसराय स्टेशन पहुंचा और वहां से ट्रेन पकड़ कर पटना पहुंच गया। वहां से वह कोलकाता और मुंबई घूमने के बाद वापस बनारस लौटा था। आरोपी ने बताया कि इस दौरान वह पकड़े जाने के डर से कभी होटल में नहीं रूका, बल्कि वह रात में स्टेशन पर ही सोता था। इस दौरान वह नकली आईडी के जरिए अपने भाई प्रशांत के संपर्क में था और अपनी जरूरत के मुताबिक पैसे भी मंगाता था।
पुलिस के सवाल और विशाल के जवाब
पुलिस: चाचा से नफ़रत थी तो चाची और भाई बहन को क्यूं मारा?
विशाल: आप पूछ रहे हैं कि चाची और भाई -बहन को क्यूं मारा? “ये चाची नीतू और बहन गौरांगी ही चाचा और चचेरे भाई नवनेंदु को भड़काती थीं। शुरू से ही ये लोग उसे, उसके भाई प्रशांत और सगी बहन डॉली के साथ मारपीट कर रहे थे, वह यह सोचकर चुप रह जाता कि धीरे धीरे से सब ठीक हो जाएगा। लेकिन अब वो लोग उनका अस्तित्व ही मिटाने पर आमादा थे।
पुलिस: चाची और बहन भड़काती रहीं और नवनेंदु मारता पीटता था ये तो समझ में आ रहा है. लेकिन सोलह साल के शुभेन्दु से क्यूं नफ़रत थी?
विशाल: वो कई बार मुझसे और प्रशांत से कह चुका था कि कुछ साल बाद मैं तुम दोनों को गोली मार दूंगा। उसको मारना तो सबसे जरूरी था। चाचा और नमनेन्द्र से ज़्यादा खतरनाक था सोलह साल का शुभेन्दु।
पुलिस: हथियार कहां से मिला?
विशाल: बिहार से बत्तीस बोर के दो पिस्टल और दो मैंगजीन खरीदा था। पांच सिम का जुगाड़ भी वहीं से किया था।
पुलिस: हत्याकांड के बाद कहां और कैसे गए?
विशाल: हत्याकांड को अंजाम देने के बाद मुगलसराय पहुंचा और वहां से पटना। रेलवे स्टेशन पर ही रुकता था क्यूंकि होटल में पकड़े जाने का डर था। वहां से वह कोलकाता और मुंबई समेत कई अन्य शहरों में भी भागता रहा।
पुलिस: खाने पीने के लिए पैसा कहां से मिलता था?
विशाल: दो फर्जी आईडी बनाकर मैसेंजर के जरिए प्रशांत उर्फ़ जुगनू के सम्पर्क में रहा। वैशाली और विकास के नाम से दो फर्जी आईडी बनाई थी। पैसा लेने के लिए दो बार मुगलसराय और बनारस पहले भी आया था।
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