लिंगायत समुदाय के आरक्षण को लेकर कर्नाटक विधानसभा में हंगामा, भाजपा विधायकों ने फाड़े कागजात
लिंगायत समुदाय पर किए गए लाठीचार्ज का मुद्दा उठाने से रोकने पर भाजपा विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर का विरोध किया। विधायकों ने सदन में हंगामा करते हुए कागजात फाड़ डाले। इसके बाद भाजपा विधायकों ने विस अध्यक्ष कक्ष में जाकर कड़ी आपत्ति जताई।
बेलगावी (आरएनआई) कर्नाटक विधानसभा में पंचमसाली समुदाय के आरक्षण को लेकर चल रही चर्चा के बीच भाजपा विधायकों ने हंगामा किया। लिंगायत समुदाय पर किए गए लाठीचार्ज का मुद्दा उठाने से रोकने पर भाजपा विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर का विरोध किया। विधायकों ने सदन में हंगामा करते हुए कागजात फाड़ डाले। इसके बाद भाजपा विधायकों ने विस अध्यक्ष कक्ष में जाकर कड़ी आपत्ति जताई।
विधानसभा में चर्चा के दौरान पंचमसाली लिंगायत समुदाय से आने वाले कांग्रेस विधायक विजयानंद कशप्पनवर ने चार प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण को खत्म करने और इसे लिंगायत और वोक्कालिगा समुदायों के बीच समान रूप से आवंटित करने के पिछली भाजपा सरकार के फैसले का विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि बोम्मई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने चुनाव के लिए आरक्षण की घोषणा की, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वे इसे आगे नहीं बढ़ाएंगे।
इस पर भाजपा विधायकों ने आपत्ति जताई। विधायकों ने कहा कि चर्चा मंगलवार को विधानसभा के पास पंचमसाली लिंगायत समुदाय की ओर से आरक्षण की मांग को लेकर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन पर हो रही है। आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पथराव किया गया और बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
बहस के दौरान कांग्रेस विधायक कशप्पनवर ने भाजपा पर पंचमसाली लिंगायत समुदाय को गुमराह करने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन भाजपा के उकसावे पर किए जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि आरएसएस के सदस्य पथराव में शामिल थे। इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। भाजपा विधायकों ने मांग की कि आरएसएस के संदर्भों को रिकॉर्ड से हटा दिया जाए। इसके बाद स्पीकर खादर ने राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा को लाठीचार्ज के मुद्दे पर बोलने की अनुमति दे दी। जबकि गृह मंत्री जी परमेश्वर इस मामले पर पहले ही बोल चुके थे। गौड़ा ने पंचमसाली लिंगायत समुदाय के साथ हुए अन्याय के लिए भाजपा सरकार की नीतियों को दोषी ठहराया।
इसे लेकर भाजपा विधायकों ने कहा कि उनकी आवाज दबाई जा रही है। भाजपा विधायक सुनील कुमार ने सवाल किया कि मंत्री को बोलने की अनुमति क्यों दी गई? मगर अध्यक्ष ने उनकी आपत्ति खारिज कर दी। इसके बाद भाजपा सदस्यों ने विरोध में नारे लगाए और कागजात फाड़ दिए। हंगामे के बीच विस अध्यक्ष खादर ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
स्थगन के बाद विपक्ष के नेता आर अशोक, राज्य भाजपा प्रमुख बीवाई विजयेंद्र और विधायक सीएन अश्वथ नारायण और सुनील कुमार सहित कई भाजपा नेता विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में पहुंचे और उनके आचरण पर सवाल उठाया और बहिष्कार की चेतावनी दी। आर अशोक ने कहा कि हमने स्पीकर से कहा है कि उनका आचरण अस्वीकार्य है। अगर यह जारी रहा, तो हम सत्र में शामिल नहीं होंगे। हालांकि अध्यक्ष के कक्ष में बातचीत के बाद विधानसभा फिर से शुरू हुई।
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