लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य, छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग
लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने, उसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने, पब्लिक सर्विस कमीशन का गठन और लोकसभा की सीट बढ़ाने व अन्य मांगों से जुड़ा एक मसौदा लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) ने गृह मंत्रालय को सौंपा है। इसमें इन मांगों को प्रमुखता से उठाया गया है।
जम्मू (आरएनआई) लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने, उसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने, पब्लिक सर्विस कमीशन का गठन और लोकसभा की सीट बढ़ाने व अन्य मांगों से जुड़ा एक मसौदा लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) ने गृह मंत्रालय को सौंपा है। इसमें इन मांगों को प्रमुखता से उठाया गया है।
बीते चार दिसंबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद, एमएचए ने एपेक्स लेह और कारगिल को निर्देशित किया वे अपनी मांगों का एक मसौदा तैयार कर उन्हें सौंपें। एपेक्स लेह और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस ने औपचारिक रूप से 16 जनवरी को गृह मंत्रालय को व्यापक सोलह पेज का मसौदा भेजा।
मसौदे में चार सूत्री एजेंडे को रेखांकित किया गया है। सबसे पहले, उन्होंने ऐतिहासिक, रणनीतिक और पर्यावरणीय महत्व के आधार पर, पूर्वोत्तर राज्यों के साथ समानता रखते हुए, लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की वकालत की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लद्दाख को राज्य का दर्जा देने से न केवल राजनीतिक प्रतिनिधित्व बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय लोग भी सशक्त होंगे। राष्ट्र निर्माण में लद्दाख की भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।
मसौदे में जनजातीय बहुलता और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए लद्दाख को छठी अनुसूची के तहत लाने का प्रस्ताव दिया गया है। कहा गया है कि इससे अनुसूचित जनजातियों के भूमि अधिकारों के लिए विशेष सुरक्षा सुनिश्चित होगी और क्षेत्र की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप कानून बनाने में सक्षमता मिलेगी।
एपेक्स लेह और केडीए ने लद्दाख के लिए एक लोक सेवा आयोग की स्थापना का आह्वान किया है। कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर का पुनर्गठन अधिनियम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए एक लोक सेवा आयोग की अनुमति देता है, पर यह प्रावधान लद्दाख तक नहीं बढ़ाया गया। इसके कारण राजपत्रित पदों के लिए अवसर सीमित होते हैं। राजपत्रित और गैर-राजपत्रित दोनों नौकरी आवश्यकताओं को संबोधित करने के लिए लद्दाख के लिए पीएससी के गठन की आवश्यकता है।
मसौदे के अंत में संसद और राज्यसभा सदस्यों के लिए सीटों की संख्या में वृद्धि की वकालत की गई है। संसद सदस्यों के लिए सीटों की वर्तमान संख्या को दो तक बढ़ाने के लिए विशेष आह्वान किया गया है। लद्दाख के लिए विधानसभा की स्थापना के बाद राज्यसभा में सीटों के लिए प्रावधान किया जाने की मांग भी की गई है। एपेक्स लेह और केडीए ने उम्मीद जताई है कि अगले दौर की वार्ता में लोगों की वास्तविक मांगों को पूरा किया जाएगा।
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