रोहित पवार का आरोप- भाजपाइयों ने ईवीएम स्ट्रांग रूम में घुसने की कोशिश की
कडू प्रहार जनशक्ति पार्टी (पीजेपी) के प्रमुख हैं। वे राज्य में महायुति सरकार का समर्थन करते हैं। शिकायत के अनुसार, कडू ने जनवरी 2011 में मंत्रालय में सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले एक क्लर्क के साथ मारपीट की थी।
मुंबई (आरएनआई) राकांपा नेता रोहित पवार ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि आधी रात को 25-30 भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक ईवीएम स्ट्रांग रूम में घुसने की कोशिश की। दावा है कि इस स्ट्रॉन्ग रूम में कर्जत-जामखेड निर्वाचन क्षेत्र की ईवीएम रखी गई हैं। यहीं से उन्होंने चुनाव लड़ा है। मौजूदा विधायक रोहित पवार यहां से करीब 120 किलोमीटर दूर अहिल्यानगर (पूर्व में अहमदनगर) जिले के कर्जत-जामखेड में भाजपा नेता और पूर्व राज्य मंत्री राम शिंदे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
इस बीच मुंबई की एक विशेष अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कडू को 2011 में दक्षिण मुंबई में राज्य सचिवालय मंत्रालय में एक क्लर्क को थप्पड़ मारने के मामले में बरी कर दिया। सांसदों और विधायकों से संबंधित मामलों की सुनवाई करने वाले विशेष अदालत के न्यायाधीश एयू कदम ने अमरावती जिले के अचलपुर से एक निर्दलीय विधायक कडू को बरी कर दिया।
रोहित पवार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा, 'करीब 25-30 भाजपा कार्यकर्ताओं ने आधी रात को अहिल्यानगर के कर्जत जामखेड में ईवीएम मशीनों को स्टोर किए गए स्ट्रांग रूम में जबरन घुसने की कोशिश की। हालांकि, मेरे पार्टी कार्यकर्ताओं ने सीआरपीएफ कर्मियों के साथ मिलकर स्थिति को संभाल लिया।
उन्होंने दावा किया कि उन्होंने पुलिस से संपर्क किया, लेकिन भाजपा की वजह से उन्होंने सहयोग करने के बजाय हमें परेशान करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को इस मामले पर उचित संज्ञान लेना चाहिए। भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से किया गया यह प्रयास उनकी गुंडागर्दी को दर्शाता है, क्योंकि वे हार से डरे हुए हैं। अगले 24 घंटों के भीतर कर्जत-जामखेड के लोग लोकतांत्रिक तरीकों से इस गुंडागर्दी को खत्म कर देंगे
कडू प्रहार जनशक्ति पार्टी (पीजेपी) के प्रमुख हैं। वे राज्य में महायुति सरकार का समर्थन करते हैं। शिकायत के अनुसार, कडू ने जनवरी 2011 में मंत्रालय में सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले एक क्लर्क के साथ मारपीट की थी। उस पर कथित तौर पर एक व्यक्ति से पैसे मांगने का आरोप था। शिकायतकर्ता ने कहा कि विधायक ने कर्मचारी को थप्पड़ मारा और उसका हाथ पकड़कर उसे तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सुरेश शेट्टी के निजी सहायक के केबिन तक ले गए। उन्होंने कहा कि डॉक्टर की नियुक्ति से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
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