रोटरी क्लब की साधारण सभा की बैठक हुई संपन्न
भागदौड़ भरी जिंदगी में सभी किसी न किसी बात को लेकर तनाव ग्रस्त रहते हैं। समय के साथ यह आम समस्या बनती जा रही है। छोटे से लेकर बड़ों तक में तीसरा व्यक्ति इस समस्या से जूझ रहा है। stress तनाव की स्थिति तब होती है, जब हम दबाव लेने लगते हैं और जीवन के हर पहलू पर नकारात्मक रूप से सोचने लगते हैं। यह समस्या शारीरिक रूप से कमजोर करने के साथ-साथ भावनात्मक रूप से भी आहत करती है। इससे ग्रस्त व्यक्ति न तो ठीक से काम कर पाता है और न ही अपने जीवन का खुलकर आनंद उठा पाता है। उक्त बात मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजेंद्र सिंह भाटी ने रोटरी भवन में कही। रोटरी क्लब गुना का सत्र 2023 _ 30 जजुलाई धारण सभा की बैठक शनिवार को रोटरी भवन गुना में संपन्न हुई। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में मनोरोग रोग विशेषज्ञ डॉक्टर भाटी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत अध्यक्ष सीपी रघुवंशी द्वारा की गई। रोटरी परीक्षण मनोज बंसल ने दिया। तथा प्रेरक विचार डीएन निखरा द्वारा किया गया। अध्यक्ष व मुख्य अतिथि द्वारा जुलाई माह में जन्मे रोटेरियंस गिरिराज अग्रवाल, डीएन निखरा, राजकुमार अग्रवाल, पीएस सगर, महेश कुमार अग्रवाल, रजनीश शर्मा, रमेश चंद्र जैन, जगमोहन बंसल ,को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी गई। मीडिया संयोजन विकास जैन ने किया।
कार्यक्रम बड़ी संख्या में मातृशक्ति उपस्थित थे अंत में रोटरी सचिव प्रवीण सोमानी द्वारा आभार प्रस्तुत किया गया तत्पश्चात राष्ट्रगान का गायन हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉक्टर भाटी ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद लोगों का मानसिक स्वास्थ्य भी संकट में है। विश्व में 9 से 17 वर्ष के हर पांच में से एक युवा का मन किसी न किसी रूप में बीमार है।
मन कोई अंग नहीं है। सोचने की प्रवृत्ति ही मन है। हर व्यक्ति की सोच या विचार ही उसकी सेहत का राज होता है। सोच या विचार के पैमाने में अस्थिरता आने से मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है, जिसका सीधा असर मस्तिष्क पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि खराब जीवन शैली और Stress बढ़ा रही मानसिक बीमारी इससे बचाव के लिए अपनाएं ये टिप्स भागदौड़ भरी जिंदगी में सभी किसी न किसी बात को लेकर तनाव ग्रस्त रहते हैं। समय के साथ यह आम समस्या बनती जा रही है।
मानसिक रोग से बचाव के लिए इलाज जरूरी है।
मानसिक तनाव में कार्यशैली और संबंधों पर बुरा असर पड़ने के चलते उसमें जीने की इच्छा भी खत्म हो जाती है। जाहिर है कि तनाव में रहने वाले अधिकतर लोग आत्महत्या की ओर कदम बढ़ा लेते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में जरूरी है कि परिवार के साथ समय बिताएं और शौक विकसित करें। इसके अलावा योग, ध्यान और आहार पर विशेष ध्यान दें।
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