रेव पार्टियों के लिए कोबरा के जहर की सप्लाई, वसूली जाती थी मोटी रकम
वृंदावन में पकड़े गए सांप तस्करों ने हैरान कर देने वाली जानकारी दी है। पूछताछ में बताया कि कोबरा के जहर की सप्लाई रेव पार्टियों के लिए की जाती थी। इसके एवज में वे लाखों की कमाई करते थे।
मथुरा, (आरएनआई) मथुरा के वृंदावन में सक्रिय सांप तस्कर मेट्रो सिटी में होने वाली रेव पार्टियों के लिए कोबरा का जहर सप्लाई करते थे। इसके एवज में वे लाखों की कमाई करते थे। इसके साथ ही प्रतिबंधित प्रजाति के अजगरों को आसपास के जंगलों से नहीं बल्कि नेशनल पार्क से लाकर मोटी कीमत पर बेचा जाता था। यह खुलासा सोमवार को पकड़े गए तीन तस्करों से पूछताछ में हुआ है। फिलहाल तीनों को जेल भेज दिया गया है। इनसे तीन कोबरा और चार अजगर बरामद हुए थे, जिन्हें वन विभाग के सुपुर्द कर दिया है। इस मामले में पुलिस के साथ-साथ वन्य जीव संरक्षण के क्षेत्र में सक्रीय पीएफए द्वारा जांच की जा रही है।
वृंदावन में बांकेबिहारी मंदिर के पास से पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के एनजीओ पीएफए, पुलिस और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में पकड़े गए तीनों तस्करों ने पूछताछ के दौरान चौंकाने वाली जानकारी दी। पीएफए के अधिकारी गौतम गुप्ता के मुताबिक तीनों तस्करों ने पूछताछ में बताया कि वे वन्य जीव अधिनियम के शैड्यूल एक के अंतर्गत आने वाले अजगर और कोबरा के जहर की तस्करी करते हैं।
कर्मचारियों से सांठगांठ कर नेशनल पार्क से अजगरों को लाकर और लाखों में बेचते थे। उन्होंने बताया कि महानगरों में होने वाली रेव पार्टियों में कोबरा के जहर का प्रयोग नशे के लिए किया जाता है। दस ग्राम जहर की शीशी की कीमत एक लाख रुपए से अधिक होती है। सांप बेचने से भी बड़ा धंधा जहर को रेव पार्टियों तक पहुंचाने का है। जहर की तस्करी के तार गाजियाबाद के तस्करों से जुडे़ हैं।
पीएफए के अधिकारी ने बताया कि सांप और कोबरा के जहर की तस्करी के मामले में पुलिस के साथ-साथ उनकी टीम भी पड़ताल कर रही है। गौरतलब है कि इस मामले में पुलिस ने सतपाल, श्यामनाथ और पप्पूनाथ निवासीगण गांव बसई, शेरगढ़ (मथुरा) को गिरफ्तार किया था और इनसे जहर खरीदने वाले गाजियाबाद निवासी निखिल सिसौदिया की तलाश की जा रही है।
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