रेपो दर में 0.35 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि नहीं करे रिजर्व बैंक : एसोचैम
उद्योग मंडल एसोचैम ने शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से अगले सप्ताह पेश होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो में बढ़ोतरी को कम रखने को कहा है। उद्योग मंडल का कहना है कि ब्याज दरों में अधिक वृद्धि होने पर इसका आर्थिक पुनरुद्धार पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
नयी दिल्ली, 2 दिसंबर 2022, (आरएनआई)। उद्योग मंडल एसोचैम ने शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से अगले सप्ताह पेश होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो में बढ़ोतरी को कम रखने को कहा है। उद्योग मंडल का कहना है कि ब्याज दरों में अधिक वृद्धि होने पर इसका आर्थिक पुनरुद्धार पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
आरबीआई इस साल मई से अबतक रेपो दर में 1.90 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है।
केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक सोमवार से शुरू होगी। मौद्रिक नीति की घोषणा सात दिसंबर (बुधवार) को की जाएगी।
एसोचैम ने आरबीआई को लिखे पत्र में कहा है, ‘‘रेपो दर में 0.25 से 0.35 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि नहीं होनी चाहिए।’’ पत्र में उद्योग के समक्ष अन्य मुद्दों का भी जिक्र किया गया है।
उद्योग मंडल ने पत्र में अन्य सुझाव भी दिये हैं। इसमें इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिये खुदरा कर्ज को रियायती ब्याज दर के साथ प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत लाने का सुझाव शामिल है।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने 30 सितंबर को मौद्रिक नीति समीक्षा में मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की थी। मुद्रास्फीति इस साल जनवरी से ही छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। यह केंद्रीय बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊंचा है।
यह लगातार तीसरी बार है जब आरबीआई ने रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की। सितंबर से पहले जून और अगस्त में भी रेपो दर में 0.50 प्रतिशत तथा मई में 0.40 प्रतिशत की वृद्धि की गयी थी।
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