मथुरा: रिश्वतखोर महिला PCS अधिकारी की बढ़ीं मुश्किल, जमानत के लिए पहुंची हाईकोर्ट...अब तक नहीं हो सकीं रिहा
रिश्वतकांड में फंसी महिला पीसीएस अधिकारी और डीपीआरओ को अब तक राहत नहीं मिल सकी है। उन्होंने जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

मथुरा (आरएनआई) रिश्वत लेने के आरोप में जेल काट रहीं निलंबित डीपीआरओ किरन चौधरी अब जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंच गई हैं। निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद उन्होंने ये कदम उठाया है। जानकारी होने के बाद विजिलेंस ने जमानत का विरोध करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
विजिलेंस लखनऊ की टीम ने 4 फरवरी को मथुरा की डीपीआरओ किरन चौधरी को 70 हजार रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उनके साथ सेवानिवृत्त चालक विजेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था। विजिलेंस ने उन्हें भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय मेरठ में पेश किया था, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया था। साथ ही डीपीआरओ किरन चौधरी को निलंबित भी कर दिया गया था। किरन चौधरी ने जमानत के लिए भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय मेरठ में अर्जी दाखिल की थी। जमानत पर सुनवाई के दौरान विजिलेंस ने यह कहते हुए विरोध किया था कि इससे जांच प्रभावित हो सकती है। गवाहों को धमकाने और साक्ष्यों को प्रभावित करने की भी आशंका जताई थी। 18 फरवरी को न्यायालय ने जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
इसके बाद अब किरन चौधरी ने जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख किया गया है। उनकी ओर से हाईकोर्ट में जमानती अर्जी दाखिल की गई है। जल्द ही जमानत अर्जी पर उच्च न्यायालय में सुनवाई होने की संभावना है।
हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल करने की जानकारी मिलने के बाद विजिलेंस ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। विजिलेंस एसपी आलोक कुमार शर्मा ने बताया कि सुनवाई के दौरान एक टीम हाईकोर्ट जाएगी, जो जमानत का विरोध करेगी। अब तक की जांच में सामने आए साक्ष्य और जानकारियां भी हाईकोर्ट के सामने रखी जाएंगी।
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