राहुल ने DM, ASP व SDM को बुलाया, कोई नहीं पहुंचा
राहुल गांधी ने चार साल पहले हुए चंदपा के बिटिया प्रकरण में पीड़ित परिजनों से मिले। करीब 40 मिनट तक उन्होंने पीड़ित परिवार से बात की और उसके बाद लौट गए।
हाथरस (आरएनआई) मृतका के परिवार की व्यथा सुनने के बाद राहुल गांधी ने डीएम, एएसपी व एसडीएम सदर को मौके पर बुलाया। हैरानी की बात यह रही कि सुरक्षा व्यवस्था में लगे सभी अधिकारी राहुल के बुलाने के बावजूद पीड़िता के आवास पर नहीं पहुंचे। करीब 10 मिनट तक राहुल गांधी ने अधिकारियों के आने का इंतजार किया।
इसके बाद राहुल की टीम में शामिल नेताओं ने फोन कर अधिकारियों से संपर्क साधने की कोशिश की, लेकिन किसी भी अधिकारी ने फोन नहीं उठाया। राहुल गांधी की टीम के सदस्य सुशांत ने बताया कि पीड़ितों की व्यथा सुनने के बाद स्थानीय स्तर की समस्याओं के निदान के लिए अधिकारियों को बुलाया गया था, लेकिन कोई भी नहीं अधिकारी नहीं आया है। यहां तक कि फोन के जरिये भी वार्ता नहीं हो सकी है।
राहुल गांधी ने चार साल पहले हुए चंदपा के बिटिया प्रकरण में पीड़ित परिजनों से मिले। करीब 40 मिनट तक उन्होंने पीड़ित परिवार से बात की और उसके बाद लौट गए। देर शाम उन्होंने अपने एक्स एकाउंट से एक पोस्ट की, जिसमें कहा है कि बिटिया के परिजनों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है, वह डर के साये में रह रहा है। यह घटना भाजपा के दलितों पर अत्याचार की सच्चाई है।
राहुल गांधी की इस मुलाकात के बाद यह प्रकरण फिर से तूल पकड़ता दिख रहा है। एक्स पर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि हाथरस जाकर चार साल पहले हुई शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण घटना के पीड़ित परिवार से मिला। इस दौरान परिवार ने जो बातें बताईं उसने मुझे झकझोर दिया है। परिवार के सदस्य स्वतंत्र रूप से कहीं आ-जा नहीं सकते हैं, उन्हें हर समय बंदूक और कैमरों की निगरानी में रखा जाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने उनसे जो वादे किए थे, वे आज तक पूरे नहीं हुए हैं। न तो सरकारी नौकरी दी गई और न ही उन्हें किसी दूसरी जगह घर देकर शिफ्ट करने का वादा पूरा किया गया है।
पीड़ित परिवार को न्याय देने के बजाय, सरकार उन पर तरह-तरह से अत्याचार कर रही है। आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। इस परिवार की हताशा और निराशा भाजपा द्वारा दलितों के ऊपर किए जा रहे अत्याचार की सच्चाई को दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि हम इस परिवार को यूं ही इनके हाल पर रहने को मजबूर नहीं होने देंगे। इन्हें न्याय दिलाने के लिए हम पूरी ताक़त के साथ लड़ेंगे।
बिटिया के भाई ने बताया कि हमें अभी तक न्याय नहीं मिला है और हमने राहुल गांधी को अपना दुख दर्द बताया है। एससी-एसटी एक्ट के तहत मुआवजे के रूप में 25 लाख रुपये मिले थे, वह भी न्यायालय की भागदौड़ खाने-पीने और अन्य कार्यों में खर्च हो चुके हैं। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। राहुल गांधी हमें भरोसा देकर गए हैं कि हमारे बच्चे जल्द ही स्कूल में जा सकेंगे। इस मामले में जल्द ही बड़ा कदम उठाया जाएगा। नौकरी और मकान का वादा पूरा नहीं होने के कारण परिवार नाराज है, बुधवार को घर की पैमाइश करने गई टीम को भी परिवार ने लौटा दिया था।
कोतवाली चंदपा क्षेत्र के एक गांव में 14 सितंबर 2020 अनुसूचित जाति की एक युवती गांव के निकट ही खेत में घायल अवस्था में पड़ी मिली थी। इस मामले में उसके भाई ने गांव के युवक संदीप के विरुद्ध जानलेवा हमला व एससी-एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया था। युवती को गंभीर अवस्था में अलीगढ़ के मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिए भेजा गया था। 22 सितंबर को युवती के बयान के आधार पर सामूहिक दुष्कर्म की धारा बढ़ाई गई थी और तीन अन्य रामू, रवि और लवकुश के नाम बतौर आरोपी शामिल किए गए थे। पुलिस ने चारों नामजदों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में युवती ने दम तोड़ दिया था।
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