राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, अपतटीय खनन की अनुमति देने वाली निविदा रद्द करने की मांग
केंद्र सरकार ने हाल ही में केरल, गुजरात और अंडमान निकोबार में अपतटीय खनन को मंजूरी दी है। इस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आपत्ति जताई है।

नई दिल्ली (आरएनआई) लोकसभा में विपक्ष और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केरल, गुजरात, अंडमान-निकाबार द्वीप के तट पर अपतटीय खनन की अनुमति देने वाली निविदा को रद्द करने की मांग की। उन्होंने लिखा कि समुद्री जीवन के लिए खनन के दुष्प्रभाव के आकलन के बिना अपतटीय खनन शुरू करना चिंताजनक है।
पत्र में राहुल गांधी ने लिखा कि मैं आपको केरल, गुजरात और अंडमान और निकोबार के तट पर अपतटीय खनन की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले की कड़ी निंदा करने के लिए पत्र लिख रहा हूं। तटीय समुदाय इसका विरोध कर रहे हैं। पर्यावरणीय प्रभाव का मूल्यांकन किए बिना अपतटीय खनन के लिए निविदाएं जारी की गई हैं। लाखों मछुआरों ने अपनी आजीविका और जीवन शैली पर इसके प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर स्थानीय हितधारकों से परामर्श किए बिना या पर्यावरण अध्ययन किए बिना केरल, गुजरात और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में अपतटीय खनन के लिए दी गई अनुमति की निंदा की है। अपतटीय खनन लाखों मछुआरों की आजीविका को प्रभावित करेगा और हमारे विविध समुद्री जीवन को बड़ी क्षति पहुंचाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत इस फैसले को वापस लेना चाहिए।
राहुल गांधी ने अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023 पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि 13 ब्लॉकों में कोल्लम के तट पर खनन निर्माण रेत के लिए तीन ब्लॉक हैं, जो एक महत्वपूर्ण मछली प्रजनन आवास है। जबकि ग्रेट निकोबार द्वीप समूह के तट पर पॉलीमेटेलिक नोड्यूल्स के लिए तीन ब्लॉक हैं। यह एक समुद्री जैव विविधता हॉटस्पॉट है।
उन्होंने दावा किया कि हितधारकों के साथ किसी भी परामर्श या तटीय समुदायों पर दीर्घकालिक सामाजिक-आर्थिक प्रभाव के आकलन के बिना निविदाएं जारी की गईं। केरल विश्वविद्यालय के जलीय जीव विज्ञान और मत्स्य पालन विभाग की समुद्री निगरानी प्रयोगशाला (एमएमएल) के सर्वे में पाया गया है कि अपतटीय खनन से मछली पालन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है। केरल में 11 लाख से अधिक लोग मछली पकड़ने पर निर्भर हैं। यह उनके पारंपरिक व्यवसाय है और यह उनकी जीवनशैली से बहुत करीब से जुड़ा हुआ है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि जब हमारे तटीय पारिस्थितिकी तंत्रों के क्षरण ने चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को और बढ़ा दिया है। यह चिंताजनक है कि सरकार वैज्ञानिक आकलन के बिना जानबूझकर गतिविधियों को हरी झंडी दे रही है। मैं सरकार से अपतटीय खनन ब्लॉकों के लिए जारी निविदाओं को रद्द करने का पुरजोर आग्रह करता हूं।
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