राष्ट्रपति मादुरौ पर सवाल उठाने वाले गोंजालेज की मुश्किलें बढ़ीं; कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी
वेनेजुएला में हुए राष्ट्रपति चुनाव में एक बार फिर निकोलस मादुरौ की सत्ता में वापसी हुई।विपक्ष लगातार चुनाव में धांधली के आरोप लगा रहा है। वहीं, कई लैटिन अमेरिकी देशों ने चुनावी नतीजों को मानने से इनकार कर दिया है।

काराकास (आरएनआई) वेनेजुएला में लगातार सियासी हंगामा जारी है। जुलाई में जबसे राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे सामने आए हैं, तब से निकोलस मादुरौ और एडमुंडो गोंजालेज एक दूसरे पर हमला करना जारी रखे हैं। यहां की एक अदालत ने सोमवार को विपक्षी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार गोंजालेज के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
अभियोजक कार्यालय ने इंस्टाग्राम पर कहा कि अदालत ने गंभीर अपराधों के लिए गोंजालेज के खिलाफ वारंट के लिए उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। कार्यालय ने इससे पहले सोशल मीडिया पर न्यायालय को भेजे गए अपने अनुरोध को जारी किया था, जिसमें उसने उन कथित अपराधों को सूचीबद्ध किया था, जो विपक्ष के इन आरोपों से उठा था कि मादुरो और उनके सहयोगियों ने 28 जुलाई के राष्ट्रपति चुनाव में धांधली की थी।
वेनेजुएला में हुए राष्ट्रपति चुनाव में एक बार फिर निकोलस मादुरौ की सत्ता में वापसी हुई। वह लगातार तीसरी बार वेनेजुएला के राष्ट्रपति चुने गए हैं। हालांकि, विपक्ष लगातार चुनाव में धांधली के आरोप लगा रहा है। वहीं, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ और कई लैटिन अमेरिकी देशों ने मतदान परिणामों को देखे बिना नतीजों को मानने से इनकार कर दिया है।
वेनेजुएला की राष्ट्रीय चुनाव परिषद (सीएनई) का कहना है कि वह रिकॉर्ड को जारी नहीं कर सकता क्योंकि हैकर्स ने आंकड़ों के साथ छेड़छाड़ किया था। हालांकि पर्यवेक्षकों ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है।
सेवानिवृत्त राजनयिक गोंजालेज उरुतिया, जिन्होंने अंतिम समय में विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो का स्थान लिया था, चुनाव के तुरंत बाद से ही छिपे हुए हैं। मादुरौ ने उन्हें और मचाडो को कारावास में डालने की मांग की है, जिन पर वेनेजुएला की संस्थाओं ने उन आरोपों के आधार पर चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी, जिन्हें व्यापक रूप से मनगढ़ंत बताया गया था।
वह भी मतदान के बाद से ज्यादातर समय छिपी रही हैं, हालांकि उन्होंने मादुरौ के खिलाफ कई संगठित विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व किया है। विपक्ष ने अपने मतदान केंद्र के चुनाव परिणाम प्रकाशित किए, जिसके अनुसार गोंजालेज उरुतिया ने भारी मतों से जीत हासिल की।
अब गोंजालेज में जो आरोप लगे हैं वो सार्वजनिक कार्यों का अधिग्रहण, सार्वजनिक दस्तावेज की जालसाजी, अवज्ञा के लिए उकसाना, तोड़फोड़, तथा संगठित अपराध और आतंकवाद के वित्तपोषकों के साथ संबंध हैं।
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