शिक्षक अपनी गरिमा बनाए रखें -अंबरीश
शाहाबाद,हरदोई अमृत विचार। नेहरू म्यु. कन्या इण्टर कालेज में विषय विशेषज्ञ अम्बरीष कुमार सक्सेना ने कहा कि हर साल 05 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है, शिक्षक की गरिमा बनाए रखते हुए भविष्य में कुशल व सफल शिक्षक बनें तथा समाज व राष्ट्र के विकास में सहयोग दें। यह दिवस अकादमिक, प्रोफेसर, दार्शनिक और भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती का भी स्मरण कराता है। इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य उन शिक्षकों का सम्मान करना है जो शिष्यों या छात्रों के मन से अंधकार को खत्म करते हैं और उन्हें ज्ञान से सशक्त बनाते हैं। उन्होंने बताया कि ज्ञान किसी के जीवन से अज्ञानता के अंधकार को दूर करने वाली रोशनी है। यह ज्ञान शिक्षकों से छात्रों तक पहुँचाया जाता है। शिक्षक हमें कई तरह से ज्ञान देते हैं और हमारे जीवन में सही रास्ता चुनने में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। डॉ एस राधाकृष्णन का मानना था कि शिक्षकों को उनके बहुमूल्य प्रयासों के लिए सम्मान और सम्मान दिया जाना चाहिए क्योंकि वे हमारे समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम सचमुच उनका जन्मदिन मनाना चाहते हैं तो इसे शिक्षकों के सम्मान दिवस के रूप में मनायें। इस घटना के बाद हर साल उनका जन्मदिन 05 सितम्बर माह को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। अन्त में श्री सक्सेना ने आग्रह किया कि शिक्षक की गरिमा बनाए रखते हुए भविष्य में कुशल व सफल शिक्षक बनें तथा समाज व राष्ट्र के विकास में सहयोग दें। प्रधानाचार्या नूरुल हुमा,शिक्षिका सरिता रानी, वैशाली यादव,वर्तिका शुक्ला, ऊषा देवी, रुचि पांडेय, शशी शुक्ला, भैरवी अग्निहोत्री, नायाब जहां, आयशा परवीन आदि ने डॉक्टर एस राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पारपण कर श्रृद्धा सुमन अर्पित किए।
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