राम कथा मानव जीवन को धन्य कर देती है : सुखनंदन शरण जी महाराज
हरदोई (आरएनआई) श्री बांके बिहारी श्री राम जानकी हनुमत धाम में चल रही श्री राम कथा के तृतीय दिवस पर श्रीधाम अयोध्या से पधारे परम पूज्य सुखनंदन शरण जी महाराज ने भगवान श्री राम के बाल स्वरूप का ऐसा अद्भुत वर्णन किया कि भक्तगण भाव-विभोर हो गए। उन्होंने कहा, "भगवान के बाल स्वरूप के दर्शन मात्र से ही समस्त पापों का नाश होता है और मनुष्य मोक्ष की ओर अग्रसर होता है।"
कथा स्थल पर पहुंचे सुखनंदन शरण जी महाराज का स्वागत बड़े ही भव्य तरीके से किया गया। श्री डाल सिंह मेमोरियल स्कूल के बच्चों ने पुष्प वर्षा कर उन्हें सम्मानित किया। व्यासपीठ पर विराजमान महाराज का यजमान अखिलेश सिंह, सपत्नीक पूर्णिमा सिंह के साथ मुकुल सिंह आशा व मुकेश सिंह ने पूजन, अर्चन और वंदन किया। इसके बाद मंगल आरती के साथ कथा का शुभारंभ हुआ। श्रीधाम काशी से पधारे आचार्य नारायण दत्त पांडे ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ व्यासपीठ की पूजा कराई।
कथा व्यास सुखनंदन शरण जी महाराज ने श्री राम कथा की महिमा बताते हुए कहा, "श्री राम कथा गंगा मैया के अमृत बूंद के समान है, जो संसार के सभी जीवों का कल्याण करती है। जैसे गंगा पवित्रता और शांति का प्रतीक है, वैसे ही राम कथा मानव जीवन को धन्य कर देती है।" उन्होंने भक्तों को "पूछेउ रघुपति कथा प्रसंगा, सकल लोक जग पावनि गंगा" का प्रसंग सुनाते हुए राम कथा रूपी गंगा में डुबकी लगाने के लिए प्रेरित किया।
कथा के दौरान, महाराज ने भगवान राम के बाल स्वरूप का ऐसा वर्णन किया, जिसमें उनकी अद्भुत लीला, करुणा और दयालुता की झलक दिखाई दी। उन्होंने कहा कि बाल स्वरूप में भगवान राम की वंदना करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं और जीवन में शांति का अनुभव होता है। "राम तुम बड़े दयालु हो, राम तुम बड़े कृपालु हो" जैसे भजनों ने वातावरण को और भी भक्तिमय बना दिया।
सुखनंदन शरण जी ने कहा, "जो श्री राम की शरण में आता है, उसका जीवन धन्य हो जाता है। भगवान राम के प्रति सच्ची भक्ति और प्रेम ही हमें उनके चरणों में स्थान दिला सकता है। राम कथा का श्रवण मात्र जीवन को पवित्र और पूर्ण बना देता है।"भगवान श्री राम के बाल स्वरूप का अद्भुत वर्णन सुनकर उपस्थित श्रद्धालु भावुक हो गए। कथा के विश्राम के समय मंगल आरती गाई गई और प्रसाद वितरित किया गया। भक्ति और प्रेम से ओतप्रोत इस कथा ने भक्तों के हृदय को छू लिया और उन्हें भगवान की महिमा का अनुभव कराया।
सुखनंदन शरण जी ने यह भी कहा कि राम कथा केवल एक कथा नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है। यह हमें सत्य, प्रेम और त्याग का मार्ग दिखाती है। कथा के माध्यम से उन्होंने भगवान राम के आदर्श जीवन और उनके बाल स्वरूप की महिमा का गहराई से वर्णन किया।
कथा के समापन पर हरियावां शुगर मिल के यूनिट हेड प्रदीप त्यागी, लोनी शुगर मिल के हेड राजा श्रीवास्तव, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के जिला अध्यक्ष राजपाल सिंह, राजेंद्र बहादुर सिंह, राज कुमार सिंह, आचार्य जी, बी एस चौहान, भाजपा जिला उपाध्यक्ष संजय सिंह गुड्डू, सर्वेश कुमार सिंह, रजनीश सिंह, नवल किशोर, ब्रजेश अवस्थी, मनीष मिश्रा, कर्ण सिंह राणा आदि भक्तगणों ने श्री राम कथा के दिव्य अनुभव और बाल स्वरूप की अद्भुत महिमा का आनंद लिया। भक्तों का कहना था कि इस कथा के श्रवण से उनके जीवन में नई ऊर्जा और आध्यात्मिक शांति का संचार हुआ है। श्री राम कथा ने सभी को भगवान राम की शरण में आने के लिए प्रेरित किया और भक्ति की गंगा में डुबकी लगाने का सौभाग्य प्रदान किया।
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