रानी अहिल्याबाई होल्कर ने अपने त्याग से देश को बहुत कुछ दिया है;राजकिशोर
हरदोई(आरएनआई) सामाजिक समरसता गतिविधि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ हरदोई एवं राष्ट्रीय जनजागरण सेवा न्यास के संयुक्त तत्वावधान में शाहाबाद नगर के मोहल्ला दिलेर गंज में श्री तुलसी नारायण विवाहोत्सव व रानी अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सामाजिक समरसता गतिविधि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अवध प्रांत प्रमुख राजकिशोर व भास्कर प्रज्ञान मिशन लखनऊ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भास्करानंद सरस्वती जी महाराज रहे। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि राजकिशोर ने रानी अहिल्याबाई होल्कर को उनके त्रिशताब्दी पर याद करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को अहिल्याबाई की याद में 24नबम्वर को लखनऊ में आयोजित देश के सबसे बड़े कार्यक्रम में आमंत्रित किया। उसके बाद उन्होंने उपस्थित जन समुदाय से अपील करते हुए कहा कि आप सभी लोग अहिल्याबाई होल्कर की जीवनी को पढ़ें और उसे अपने बच्चों को अंगीकार कराने का प्रयास करें। उन्होंने कहा अहिल्याबाई होल्कर ने त्याग करके भारत को बहुत कुछ दिया है।अहिल्याबाई होल्कर ने बनारस में मंदिर का उद्धार करवाया था।उसमें उन्होंने नंदी को इस स्थान पर रखा जहां पर आज ज्ञानवापी की बात की जा रही है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए भास्कर प्रज्ञान मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी भास्करानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि जगत में वही पूज्य होता है जो जीवन में त्याग करता है, परमार्थ करता है। उन्होंने कहा हमारे पूर्वजों, माता-पिता और गुरुओं ने अगर तुलसी विवाह नहीं किया होता तो हम नहीं सीख पाते। उन्होंने भारत भूमि को तपस्वियों और मुनियों की भूमि बताया। भास्करानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया अहिल्याबाई होल्कर ने 300 साल पहले जन्म लेकर जो त्याग और करुणा दिखाई वह अलौकिक है। उन्होंने बताया संसार में परिवर्तन प्रकृति का नियम है। यह परिवर्तन लगातार होता रहेगा। इसलिए मनुष्य को स्थायित्व पर विश्वास नहीं करना चाहिए। उन्होंने बताया अहिल्याबाई होल्कर ने त्याग करके जीर्ण शीर्ण हो चुके मंदिरों का पुनर्धार कराया। आज जिन मंदिरों में हम लोग पूजन अर्चन करने के लिए जाते हैं अगर अहिल्याबाई होल्कर ना होती तो इन मंदिरों में हमें पूजन का अवसर नहीं मिलता। उन्होंने अहिल्याबाई होलकर के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए कहा। कार्यक्रम मे कात्यायनी शक्तिपीठ के पीठाधीश्वर स्वामी आत्मानंद गिरि महाराज ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। तत्पश्चात तुलसी और नारायण का विवाह संपन्न हुआ। विवाह से पूर्व बालाजी मंदिर चौक से नारायण जी की बारात गाजे-बाजे के साथ मोहल्ला दिलेर गंज पहुची जहां पर विवाह की सारी रस्में पूरी की गई। इस मौके पर नन्हे मुन्ने कलाकारों ने तुलसी नारायण की सूक्ष्म कहानी का छोटा नाट्य रूपांतरण भी प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में मंच का संचालन सामाजिक समरसता गतिविधि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जिला प्रमुख नीरज श्रीवास्तव ने किया ।इस सुअवसर पर राजीव नयन दीक्षित सचिव राष्ट्रीय जन जागरण सेवा न्यास,संजय मोदी खंड संघ चालक,संजय मिश्रा, अरुण श्रीवास्तव, प्रभा श्रीवास्तव, सुभाष रस्तोगी, आनंद गुप्ता सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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