राज्यसभा में विपक्षी व सत्ताधारी भाजपा सदस्यों के हंगामे की भेंट चढ़ा शून्यकाल
राज्यसभा में बृहस्पतिवार को शून्यकाल विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों के हंगामे की भेंट चढ़ गया।
नयी दिल्ली, 15 दिसंबर 2022, (आरएनआई)। राज्यसभा में बृहस्पतिवार को शून्यकाल विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों के हंगामे की भेंट चढ़ गया।
हंगामे की वजह से शून्यकाल के दौरान सदन की कार्यवाही दो बार 15-15 मिनट के लिए और एक बार दो मिनट के स्थगित करनी पड़ी।
कांग्रेस, शिव सेना और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य उच्च अदालतों की नियुक्तियों में सरकार के कथित हस्तक्षेप और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग सहित कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे थे।
हालांकि, उपसभापति हरिवंश ने इस संबंध में विपक्षी सदस्यों के नियम 267 के तहत दिए गए कार्यस्थगन के नोटिस खारिज कर दिए।
आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा, कांग्रेस के प्रमोद तिवारी, अखिलेश प्रसाद सिंह, एल हनुमंथैया, जेबी मेथर और सैयद नासिर हुसैन तथा शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने उच्च अदालतों की नियुक्तियों में सरकार के कथित हस्तक्षेप, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, किसानों के आंदोलन से उत्पन्न स्थिति सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस दिए थे।
नोटिस अस्वीकार किए जाने के बाद विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे। इस दौरान सत्ताधारी दल के कुछ सदस्यों ने भी अपने स्थानों पर खड़े होकर कुछ कहने का प्रयास किया। भाजपा सदस्य पूर्ण शराबबंदी लागू कर चुके बिहार राज्य के सारण जिले में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से हुई लोगों की मौत का मुद्दा उठाना चाह रहे थे।
हंगामे के बीच ही उपसभापति ने भाजपा के विप्लब कुमार देब का नाम पुकारा। शून्यकाल के तहत देब को भारत-बांग्लादेश सीमा से संबंधित मुद्दा उठाना था लेकिन उन्होंने आसन से आग्रह किया कि बिहार के सदस्य किसी मुद्दे पर अपनी बात रखना चाहते हैं, लिहाजा पहले उन्हें बोलने का मौका दिया जाए।
हरिवंश ने उनसे कहा कि वह अपने मुद्दे पर अपनी बात रखें। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत रहने की अपील की। सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने 11 बजकर 18 मिनट पर सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए 11 बजकर 33 मिनट तक स्थगित कर दी।
इसके बाद जब दोबारा बैठक शुरू हुई तो सदन में वही स्थिति थी। विपक्षी सदस्य अपने अपने मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे वहीं बिहार से भाजपा के सदस्य जहरीली शराब से लोगों की मौत के मुद्दे को उठाने देने की मांग कर रहे थे।
हरिवंश ने सदस्यों से कहा कि शून्यकाल बहुत महत्वपूर्ण हैं और इसे चलने दिया जाए। अपनी बात का कोई असर न होता देख उन्होंने दूसरी बार 11 बजकर 36 मिनट पर बैठक पुन: 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
इसके बाद जब 11 बजकर 50 मिनट पर तीसरी बार कार्यवाही आरंभ हुई तब भी सदन में हंगामा जारी था। हंगामे के बीच ही देब ने कहा कि बिहार में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है। इस पर बोलने का मौका दिया जाना चाहिए।’’
आसन पर मौजूद पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने दे ब से कहा कि वे नोटिस के अनुसार ही अपना मुद्दा उठाएं। उन्होंने बिहार का मुद्दा उठाने की अनुमति नहीं दी।
इसी बीच, विपक्षी सदस्य आसन के निकट आकर हंगामा करने लगे जिसके बाद कालिता ने सदन की कार्यवाही तीसरी बार 11 बजकर 58 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
What's Your Reaction?