'राज्यपाल का एमएलसी मनोनीत करने पर निर्णय न लेना चिंताजनक', बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुनील मोदी की याचिका खारिज की
मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ ने बृहस्पतिवार को पूर्व पार्षद और शिवसेना (यूबीटी) के पदाधिकारी सुनील मोदी की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें तत्कालीन एमवीए सरकार द्वारा 2020 में एमएलसी मनोनीत करने के लिए राज्यपाल को भेजी गई 12 नामों की सूची को वापस लेने को चुनौती दी गई थी।
मुंबई (आरएनआई) बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि 12 व्यक्तियों को विधान परिषद का सदस्य (एमएलसी) मनोनीत करने की राज्य सरकार की सिफारिश पर महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल का निर्णय न लेना 'काफी परेशान करने वाला' है। हालांकि, अदालत ने उद्धव ठाकरे की पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार द्वारा भेजी गई सूची को तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार द्वारा वापस लेने के फैसले को सही माना।
मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ ने बृहस्पतिवार को पूर्व पार्षद और शिवसेना (यूबीटी) के पदाधिकारी सुनील मोदी की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें तत्कालीन एमवीए सरकार द्वारा 2020 में एमएलसी मनोनीत करने के लिए राज्यपाल को भेजी गई 12 नामों की सूची को वापस लेने को चुनौती दी गई थी।
अदालत ने कहा कि यह चिंताजनक है कि तत्कालीन राज्यपाल ने 2021 में एक आदेश पारित करने के बावजूद, 6 नवंबर 2020 को राज्य सरकार की सिफारिशों पर कोई निर्णय नहीं लिया। अदालत ने कहा, 'हालांकि, तथ्य यह है कि उक्त सिफारिशों या मंत्रिपरिषद द्वारा दी गई सलाह पर निर्णय नहीं लिया गया था और तदनुसार, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 166 में निहित प्रावधानों के संदर्भ में ऐसे किसी भी निर्णय पर आधारित कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता है।'
पीठ ने कहा कि चूंकि 12 सदस्यों को मनोनीत करने के संबंध में राज्यपाल द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया था, इसलिए मंत्रिपरिषद के पास सिफारिशें वापस लेने का अधिकार था।
सुनील मोदी ने याचिका में मांग की थी कि राज्यपाल को उन 12 नामों को मनोनीत करने या सिफारिशें वापस लेने के कारण बताने का निर्देश दिया जाए। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 2022 के मध्य में सरकार बनने के बाद नए मंत्रिमंडल ने राज्यपाल को पत्र लिखकर सूचित किया कि पिछली सरकार द्वारा जिन 12 नामों की सिफारिश एमएलसी पद के लिए की गई थी, उसे वापस लिया जा रहा है।
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