राज्य ने NDRF फंड के लिए केंद्रीय टीम से मदद मांगी, 10 जिलों में डेढ़ लाख लोग प्रभावित
असम में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने वाली केंद्रीय टीम से NDRF फंड के लिए मदद मांगी है। राज्य सरकार ने 500 करोड़ रुपये जारी करने की सिफारिश करने का आग्रह किया है।
गुवाहाटी (आरएनआई) अधिकारियों ने बताया कि असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने दौरा करने वाली केंद्रीय टीम से बाढ़ की दो लहरों को 'गंभीर प्रकृति की आपदा' घोषित करने और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से 500 करोड़ रुपये जारी करने की सिफारिश करने का आग्रह किया है।
अधिकारियों ने बताया कि असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने दौरा करने वाली केंद्रीय टीम से बाढ़ की दो लहरों को 'गंभीर प्रकृति की आपदा' घोषित करने और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से 500 करोड़ रुपये जारी करने की सिफारिश करने का आग्रह किया है।
एएसडीएमए बुलेटिन में जानकारी देते हुए बताया कि 23 राजस्व मंडलों और 10 जिलों के 423 गांवों में 1 लाख 30 हजार 888 लोग वर्तमान में प्रभावित हैं। प्रभावित जिलों में कामरूप, मोरीगांव, डिब्रूगढ़, शिवसागर, गोलाघाट, नागांव, धेमाजी, गोलपारा, कामरूप मेट्रोपॉलिटन और कछार शामिल हैं। नागांव सबसे ज्यादा लोग प्रभावित हैं। जहां 72 हजार 864 लोग अभी भी बाढ़ से जूझ रहे हैं।
असम में इस साल बाढ़, भूस्खलन, तूफान और बिजली गिरने से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 105 से ज्यादा हो चुकी है। प्रशासन कई जिलों में सैकड़ों राहत शिविर और राहत वितरण केंद्र संचालित कर रहा है, जो लगभग तीन लाख विस्थापित लोगों की देखभाल कर रहे हैं।
कांग्रेस केंद्र सरकार पर असम में बाढ़ की समस्या को लेकर अनदेखी करने का आरोप लगा चुकी है। कांग्रेस का कहना है कि असम में हर साल बाढ़ आती है और यहां लगभग 40 प्रतिशत भूमि को प्रभावित करती है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ के दौरान कभी भी असम का दौरा नहीं किया। इससे पता चलता है कि वह वास्तव में हमारी कितनी परवाह करते हैं। वे केवल चुनाव के दौरान आते हैं और बड़े वादे करते हैं।
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