राजीव सागर बांध में जहरीले केमिकल से हजारों मछलियों को मारा जा रहा, विभाग मोन
जहरीला केमिकल मिला हुआ पानी,नगर वासी पीने को है मजबूर।
गुना (आरएनआई) मक्सूदनगढ़ और लटेरी के बीच राजीव सागर बांध में जहरीले केमिकल की मदद से हजारों मछलियों को रोजाना मारा जा रहा है और राजीव सागर बांध से ही नल जल योजना के अंतर्गत पानी मक्सूदनगढ़ में और जिला विदिशा के लटेरी मैं सप्लाई किया जा रहा है। इसी पानी को मक्सूदनगढ़ और लटेरी में रहने वाले लोग इस्तेमाल किया करते हैं और पानी को पिया करते हैं।
वही जानकार सूत्र बताते हैं कि इस मामले में विभाग के कुछ कर्मचारी भी मिले हुए हैं, जो सब कुछ देखकर चंद एल पैसों में अपना ईमान बेच देते हैं जिससे हजारों लोगों की जिंदगियां को दांव पर लगी हैं।
जबकि केमिकल इतना खतरनाक है कि,एल केमिकल की एक बूंद हजारों मछलियों को मौत के घाट उतार देती है।
वही सूत्र बताते हैं कि इस एवज में मछली मारने वाले लोग राजीव सागर बांध के कुछ कर्मचारियों को थोड़े बहुत पैसे देकर उनका मुंह बंद कर देते हैं, ऐसा कोई पहली बार नहीं है कि पी एच ई विभाग के कर्मचारियों के ऊपर ऐसे आरोप ना लगे हो।
पूर्व में भी कई आरोप इन कर्मचारियों के ऊपर लग चुके हैं, चाहे पानी की नहर गुपचुप तरीके से छोड़ने का मामला हो, बांध के टूटे गेट से निकल रहे पानी का रुक नाले की ओर मोड़ देने का मामला हो या अब मछलियां मारने का ही मामला क्यों ना हो।
वही इस मामले की गंभीरता को देखते हुए
मक्सूदनगढ़ नगर कांग्रेस अध्यक्ष खेमराज नेगी द्वारा तहसीलदार को लिखित आवेदन भी दिया गया है और कार्रवाई करने की मांग की गई है।
जबकि सूत्र बताते हैं कि आए दिन वा दिन उल्टी दस्त के मरीज भी मक्सूदनगढ़ में बढ़ते जा रहे हैं।
हालांकि यह बात अलग है कि मक्सूदनगढ़ में ज्यादा हॉस्पिटल होने के कारण स्पष्ट आंकड़ा नहीं लगाया जा सकता है, कि आखिर कितने लोग रोजाना उल्टी दस्त के शिकार होकर अस्पतालों में पहुंच रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि शासन, प्रशासन के अधिकारियों की नींद कब तक खुल पाती है या शासन प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी मक्सूदनगढ़ में उल्टी दस्त जैसी बीमारी फैलने का इंतजार करते हैं या पानी में मिले जहरीले केमिकल का पानी पीकर किसी की मौत होने का इंतजार करते हैं।
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