राजनीतिक दलों ने बंगाल में पंचायत चुनाव में हिंसा की निंदा की, भाजपा ने की राष्ट्रपति शासन की मांग

पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए शनिवार को मतदान जारी है और विभिन्न जिलों में चुनाव संबंधी हिंसा में 11 लोग मारे गए हैं। सभी पार्टियों ने एक सुर में चुनाव संबंधी हिंसा में लोगों की मौत की निंदा की है।

Jul 8, 2023 - 17:00
 0  459
राजनीतिक दलों ने बंगाल में पंचायत चुनाव में हिंसा की निंदा की, भाजपा ने की राष्ट्रपति शासन की मांग

कोलकाता, 8 जुलाई 2023, (आरएनआई)। पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए शनिवार को मतदान जारी है और विभिन्न जिलों में चुनाव संबंधी हिंसा में 11 लोग मारे गए हैं। सभी पार्टियों ने एक सुर में चुनाव संबंधी हिंसा में लोगों की मौत की निंदा की है।

विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने की मांग की है।

चुनाव संबंधी हिंसा में अपने छह समर्थकों को खोने वाली सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने विपक्षी दलों पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया और मतदाताओं की सुरक्षा करने में विफलता के लिए केंद्रीय बलों की आलोचना की।

दूसरी ओर, कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर चौधरी ने आरोप लगाया कि टीएमसी के ‘गुंडे’ खुलेआम घूम रहे हैं और लोगों का जनादेश लूट लिया गया है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के सचिव मोहम्मद सलीम ने दावा किया कि केंद्रीय बलों की उचित ढंग से तैनाती नहीं की गई है।

मध्यरात्रि के बाद से मारे गए लोगों में टीएमसी के छह सदस्य, और भाजपा, माकपा, कांग्रेस और आईएसएफ के एक-एक कार्यकर्ता और एक अन्य व्यक्ति शामिल थे, जिसकी पहचान नहीं हो सकी है।

राज्य के मंत्री शशि पांजा ने पूछा, ‘‘बीती रात से चौंकाने वाली घटनाओं की सूचना मिल रही है। भाजपा, माकपा और कांग्रेस ने साठगांठ की थी और केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की थी। आखिर वे कहां तैनात हैं? तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है। केंद्रीय बल कहां हैं?’’

टीएमसी ने एक बयान में कहा कि आठ जून को पंचायत चुनाव की घोषणा होने के बाद से 27 लोग मारे गए हैं और उनमें से 17 लोग तृणमूल से हैं, जो कुल मौतों का 60 प्रतिशत से अधिक है।

इसमें कहा गया है, ‘‘यदि तृणमूल कांग्रेस वास्तव में हिंसा भड़काती है, जैसा कि मीडिया आरोप लगा रही है, तो उनके कार्यकर्ताओं को निशाना क्यों बनाया जाता और उनकी हत्या क्यों की जाती है? विपक्ष ने हार मान ली है और अब वह मीडिया में अपने सहयोगियों का इस्तेमाल करके यह कहानी गढ़ने का प्रयास कर रहा है कि हिंसा ने चुनाव को किस तरह प्रभावित किया।’’

बयान में कहा गया है कि पूरे पश्चिम बंगाल में 60 हजार से अधिक बूथ हैं लेकिन केवल 60 बूथ पर ही मतदान प्रक्रिया के दौरान व्यवधान पड़ा है और हिंसा की एक भी घटना की सूचना नहीं मिली है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने मांग की कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संपन्न होना बहुत मुश्किल है। यह तभी संभव है जब राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाये या अनुच्छेद 355 का इस्तेमाल किया जाये।’’

संविधान की धारा 355 में कहा गया है कि राज्यों को आंतरिक अशांति और बाहरी हमले से बचाना संघ का कर्तव्य है।

भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने दावा किया कि राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार के निर्देशानुसार काम कर रहा है और वह अपने कर्तव्यों का पालन करने में पूरी तरह से विफल रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से वे आज मतदान करा रहे हैं उससे यह स्पष्ट है। कई बूथ पर कोई केंद्रीय बल तैनात नहीं है, जबकि कुछ में राज्य पुलिस की भी मौजूदगी नहीं है। मुझे तस्वीरें और वीडियो भी मिले हैं जहां सीसीटीवी तारों से भी नहीं जुड़े थे। इससे वास्तव में उपद्रवियों को हिंसा करने में मदद मिली।’’

माकपा नेता सलीम ने कहा, ‘‘कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद केंद्रीय बलों की उचित ढंग से तैनाती नहीं की गई है।’’

माकपा के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने दावा किया, ‘‘हथियारों का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है और इन सभी घटनाओं के पीछे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का हाथ है। उन्होंने चुनाव के दिन व्यवधान पैदा करने और मतपेटियों की लूट के इरादे से पहले ही इसकी साजिश रच ली थी। लेकिन मुझे यह देखकर खुशी है कि कुछ जगहों पर लोगों ने इसका विरोध किया।’’

चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘मैं यह देखकर हैरान हूं कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं की गई। ऐसा लगता है कि कुछ समझौता हुआ है… यह पूरी तरह से अदालत के आदेश का उल्लंघन है।’’

कांग्रेस नेता अधीर चौधरी ने कहा कि चुनाव एक मजाक बन गया है क्योंकि ‘‘टीएमसी के गुंडे खुलेआम घूम रहे हैं और लोगों का जनादेश लूट लिया गया है।’’

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.