राजकीय शिशु सदन व राजकीय सम्प्रेक्षण गृह मथुरा का आकस्मिक निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन
मथुरा। उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा माननीय जनपद न्यायाधीश, मथुरा श्री आशीष गर्ग जी के निर्देशानुसार आज दिनांक 24.04.2023 को राजकीय शिशु सदन व राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर), मथुरा का आकस्मिक निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता श्रीमती नीरू शर्मा, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा द्वारा की गयी। इस अवसर पर सदनों के अधीक्षक व अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
राजकीय शिशु सदन के अधीक्षक श्री राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि आज निरीक्षण दिनांक को संस्था में 29 बच्चे निवासरत हैं। आज प्रातः बच्चों को नाश्ते में पराठा, दूध व फल तथा दोपहर को भोजन में दाल अरहर, काशीफल की सब्जी, चावल, रोटी व पापड़ दिया गया था। निरीक्षण दौरान सदन में साफ सफाई उचित पाई गई।
चिकित्सकों की टीम द्वारा नियमित रूप से बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है एवं बीमार बच्चों को आवश्यकतानुसार दवा भी दी जाती है। संस्था के प्रथम तल पर स्थापित एक कक्ष में 0-1 वर्ष के 7 बच्चे उपस्थित मिले। बच्चे काफी खुश प्रतीत हो रहे थे। उक्त सदन में बच्चों की सुविधा हेतु ए0सी0 व 4 आर० ओ० लगे है, जो कि चालू अवस्था मिले। सदन में समस्त गतिविधिया सामान्य पाया गयी।
राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर) के अधीक्षक श्री हरीशचंद्र वर्मा द्वारा बताया गया कि राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर), मथुरा में आज कुल 55 किशोर निरूद्ध हैं, जिनमें जनपद मथुरा के 22 तथा हाथरस के 33 किशोर हैं।
अधीक्षक द्वारा बताया गया कि किशोरों की शिक्षा हेतु अध्यापक नियुक्त हैं। आज निरीक्षण के दौरान अध्यापक श्री नरेंद्र सिंह व अंशुमान भारद्वाज उपस्थित पाए गए। निरीक्षण दौरान अधीक्षक द्वारा यह भी बताया गया कि संस्था में निरूद्ध किशोरों को संस्था में रहते हुए मोबाइल रिपेयरिंग का प्रशिक्षण प्रदान कराया जाता है तथा एल.ई.डी. बल्ब बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। सदन की साफ सफाई उचित पाई गई।
कुछ किशोर अपने कमरों में बैठकर पढ़ाई कर रहे थे तथा कुछ किशोर चेस व लूडो खेल रहे थे। उक्त किशोरों से सचिव महोदया द्वारा निशुल्क अधिवक्ता के बारे में पूछा तो सभी किशोरों द्वारा उनके पास व्यक्तिगत अधिवक्ता होना बताया गया। अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि ऐसे किशोर जिनको निशुल्क विधिक सहायता हेतु अधिवक्ता की आवश्यकता हो, ऐसे किशोर का प्रार्थना पत्र अविलम्ब कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रेषित करना सुनिश्चित करें। सदन में खाने-पीने रहने की किसी भी समस्या से किशोरों द्वारा अवगत नहीं कराया गया। संस्था की सुरक्षा हेतु होमगार्ड तैनात हैं जिन्हे प्रत्येक चिन्हित स्थानों पर लगाया गया है। प्रभारी द्वारा बताया गया कि किशोरों को मीनू के अनुसार नाश्ता व भोजन दिया जाता है।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उपस्थित किशोरों को निःशुल्क विधिक सहायता के सम्बंध में बताते हुए कहा कि यदि किसी किशोर को निःशुल्क विधिक सहायता हेतु अधिवक्ता की आवश्यकता हो तो वह संस्था के अधीक्षक के माध्यम से अपना प्रार्थनापत्र प्रस्तुत कर सकता है। उपस्थित किशोरों को पोक्सो अधिनियम के सम्बंध में भी जानकारी दी गई। किशोरों से पृथक-पृथक वार्ता की गई एवम उनकी विधिक समस्याओं को सुना गया व उनके निराकरण हेतु अधीक्षक को उचित सुझाव दिये गये।
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