रणबीर इलाहाबादिया की विवादित टिप्पणी का मामला संसद में, नेताओं ने जताई नाराजगी
संसद का बजट सत्र अब तक हंगामेदार रहा है। विपक्ष ने महंगाई, अमेरिका से वापस भेजे गए भारतीयों समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की है। इस बीच दिल्ली के चुनावी नतीजे के बाद सरकार ने विपक्ष जमकर खरीखोटी सुनाई।
नई दिल्ली (आरएनआई) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को कहा कि अब संस्कृत, उर्दू तथा मैथिली समेत छह और भाषाओं में सदन की कार्यवाही का भाषा रूपांतरण होगा। सदन की कार्यवाही का भाषा रूपांतरण पहले अंग्रेजी और हिंदी के अलावा 10 क्षेत्रीय भाषाओं में हो रहा था। बिरला ने कहा कि उनका प्रयास है कि मान्यताप्राप्त सभी 22 भाषाओं में सदन की कार्यवाही का रूपांतरण एक साथ हो। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन की उपलब्धता होने के साथ ही यह सुनिश्चित कर दिया जाएगा।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, 'अब बोडो, डोगरी, मैथिली, मणिपुरी, संस्कृत और उर्दू में सदन की कार्यवाही का रूपांतरण होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत की संसद ही एकमात्र विधायी संस्था है जहां एकसाथ इतनी भाषाओं में कार्यवाही का रूपांतरण हो रहा है। द्रमुक सांसद दयानिधि मारन ने संस्कृत भाषा में कार्यवाही के रूपांतरण के फैसले पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़े के मुताबिक देश में सिर्फ 73 हजार लोग संस्कृत बोलते हैं तो फिर करदाताओं के पैसे को क्यों बर्बाद किया जा रहा है। बिरला ने उनकी आपत्ति को खारिज करते हुए कहा, 'आप किस देश में रह रहे हैं? भारत की मूल भाषा संस्कृत रही है। आपको संस्कृत पर आपत्ति क्यों हुई? हम तो सभी 22 भाषाओं में रूपांतरण की बात कर रहे हैं।'
सपा सांसद डिंपल यादव ने महाकुंभ में अव्यवस्था का आरोप लगाते हुए कहा कि महाकुंभ के आयोजन पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। ऐसे में सरकार को अव्यवस्था पर जवाब देना चाहिए। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि 300 किलोमीटर लंबा जाम लग रहा है औऱ लोग वहां फंसे हुए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी संसद पहुंचे।
यूट्यूबर रणबीर इलाहाबादिया के विवादित बयान पर बीजद सांसद सस्मित पात्रा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और संचार और आईटी पर संसदीय समिति का सदस्य होने के नाते मैं इस मामले को समिति के सामने भी उठाऊंगा। ऐसी अभद्र टिप्पणियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सख्त दिशा-निर्देश होने चाहिए।
महा विकास अघाड़ी के सांसदों ने मंगलवार को संसद के मकर द्वार पर हाथों में बैनर पोस्टर लेकर विरोध प्रदर्शन किया। सांसदों ने महाराष्ट्र के सोयाबीन किसानों के समर्थन में ये विरोध प्रदर्शन किया।
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