रक्षाबंधन के मुहूर्त जानते है वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा से भद्रा कब तक है
इस बार रक्षा बंधन पर भद्रा का साया, शुभ मुहूर्त में भाई को बांधे प्रेम का बंधन
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल सावन महीने की पूर्णिमा तिथि पर रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। भारत में वैसे तो कई तरह के पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन रक्षाबंधन का अलग ही महत्व है। हर साल ये पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी बांधती हैं और उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं। वहीं भाई प्रेमरूपी रक्षा धागे को बंधवा कर बहन की उम्र भर रक्षा करने का संकल्प लेते हैं। रक्षाबंधन एक ऐसा त्योहार है, जिसे मनाते तो सिर्फ एक दिन हैं, लेकिन इससे बनने वाले रिश्ते जिंदगी भर निभाए जाते हैं। हालांकि इस साल भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन एक नहीं बल्कि २ दिन माना जा रहा है। जानिए इसका क्या कारण है और बहनें किस दिन भाइयों की कलाई पर राखी बांधेंगी...
रक्षाबंधन पर भद्रा का साया
सावन पूर्णिमा पर रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है और इस साल सावन माह की पूर्णिमा तिथि ३० अगस्त को है, लेकिन कहा जा रहा है कि इस साल ३० अगस्त को पूर्णिमा वाले दिन भद्रा का साया है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि यदि श्रावण पूर्णिमा तिथि पर भद्रा का साया हो तो भद्राकाल तक राखी नहीं बांधी जा सकती है। उसके समापन के बाद ही राखी बांधी जाती है, क्योंकि भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। ऐसे में इस साल रक्षाबंधन का पर्व ३० और ३१ अगस्त दो दिन मनाया जाएगा।
रक्षाबंधन कब है... ३० या ३१ अगस्त २०२३
पंचांग के अनुसार सावन महीने की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत ३० अगस्त को सुबह १० बजकर ५८ मिनट से हो रही है। इसका समापन ३१ अगस्त को सुबह ०७ बजकर ०५ मिनट पर होगा। ३० अगस्त को पूर्णिमा तिथि की शुरुआत से ही यानी सुबह १० बजकर ५८ मिनट से भद्रा शुरू हो जा रही है और रात ०९ बजकर ०१ मिनट तक है। ऐसे में ३० अगस्त को भद्रा के कारण राखी बांधने का मुहूर्त दिन में नहीं है। इस दिन रात में ९ बजे के बाद राखी बांधने का मुहूर्त है। इसके अलावा ३१ अगस्त को श्रावण पूर्णिमा सुबह ०७ बजकर ०५ मिनट तक है और इस समय में भद्रा नहीं है। ऐसे में ३१ अगस्त को सुबह ७ बजे तक बहनें भाई को राखी बांध सकती हैं। इस प्रकार से इस साल रक्षाबंधन २ दिन ३० और ३१ अगस्त को मनाया जा सकता है।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त २०२३
• ३० अगस्त को राखी बांधने का मुहूर्त- रात ०९ बजकर ०१ से
• ३१ अगस्त को राखी बांधने का मुहूर्त: सूर्योदय काल से सुबह ०७ बजकर ०५
मिनट तक
भद्रा में राखी क्यों नहीं बांधते हैं
कहा जाता है कि शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्रा काल में राखी बांध दी थी, जिस वजह से रावण के पूरे कुल का सर्वनाश हो गया। इसलिए ऐसा माना जाता है कि भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। यह भी कहा जाता है कि भद्रा में राखी बांधने से भाई की उम्र कम होती है।
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