रक्षा मंत्री बोले- भारत की आक्रामक और रक्षात्मक प्रतिक्रियाओं को मजबूत करने की जरूरत
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज भारत की आक्रामक और रक्षात्मक प्रतिक्रियाओं को मजबूत करने जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक समृद्धि हिंदू महासागर क्षेत्र की सुरक्षा से जुड़ी हुई है। यह बहुत जरूरी है कि हम अपने समुद्री मार्गों को सुरक्षित रखें।
नई दिल्ली (आरएनआई) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि नियम-आधारित वैश्विक व्यवस्था में उथल-पुथल को देखते हुए भारत की आक्रामक और रक्षा प्रतिक्रियाओं को और मजबूत करने की जरूरत है। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।
हिंद महासागर महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी पर चिंता जताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की आर्थिक समृद्धि सीधे तौर पर हिंद महासागर क्षेत्र की समुद्री सुरक्षा से जुड़ी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि यह बहुत जरूरी है कि हम अपने समुद्री मार्गों को सुरक्षित रखें और अपने समुद्र तटों की रक्षा करें।
सिंह ने आगे कहा कि दुनियाभर में हो रही उथल-पुथल और संघर्षों के मद्देनजर भारत की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आक्रामक और रक्षा संबंधी प्रक्रियाओं पर बल देने की आवश्यकता है। उन्होंने सशस्त्र बलों के सामने बढ़ती जटिलताओं का जिक्र करते हुए देश की रक्षा क्षमता को जल्द बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
रक्षा मंत्री ने कहा, अगर हम पिछले दशक के सुरक्षा दृष्टिकोण से देखें तो यह काफी अस्थिर है। हम विभिन्न क्षेत्रों में संघर्षों और युद्धों को देख रहे हैं। इन बातों को ध्यान में रखते हुए हमें हमारी सुरक्षा के लिए योजना, संसाधन और बजट पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सभी संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श करने की जरूरत है। भारतीय सेना को समय के हिसाब से तैयार किया जाना चाहिए और नागरिक कार्यबल अहम भूमिका निभाता है।
उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक समृद्धि समुद्री सुरक्षा से जुड़ी हुई है। इसलिए हें अपनी क्षेत्री जल सीमाओं की रक्षा करना और समुद्री मार्गों को सुरक्षित रखना जरूरी है।
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