यूपी के मजदूर का बेटा नहीं जुटा पाया फीस के 17,500, IIT में नहीं मिला एडमिशन, अब सुप्रीम कोर्ट ने दी द‍िलासा- हम देखेंगे

मुजफ्फरनगर के एक दिहाड़ी मजदूर के बेटे ने JEE अडवांस पास कर IIT धनबाद में दाखिला पाया, लेकिन फीस जमा करने में देरी के कारण उसका दाखिला रद्द हो गया। छात्र ने सुप्रीम कोर्ट से मदद की गुहार लगाई है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मामले में सांत्वना दी है।

Sep 26, 2024 - 07:00
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यूपी के मजदूर का बेटा नहीं जुटा पाया फीस के 17,500, IIT में नहीं मिला एडमिशन, अब सुप्रीम कोर्ट ने दी द‍िलासा- हम देखेंगे

मुजफ्फरनगर/नई दिल्‍ली (आरएनआई) उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जिले के दिहाड़ी मजदूर के परिवार की खुशी कुछ ही देर में आंसुओं में बदल गई। बेटे ने JEE अडवांस की परीक्षा पास की और IIT धनबाद में इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग की सीट मिली। लेकिन, 17500 रुपये का जब तक इंतजाम किया, फीस जमा करने वाला पोर्टल बंद हो गया। फीस जमा नहीं होने पर संस्थान ने उनका दाखिला रद्द कर दिया।

छात्र मदद के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण और मद्रास हाई कोर्ट गया। कहीं से मदद नहीं मिली तो मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को सांत्वना देते हुए कहा, 'हम जितना हो सकेगा आपकी मदद करेंगे।

केस की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि आप पिछले तीन महीनों से क्या कर रहे थे, क्योंकि फीस जमा करने की लास्ट डेट तो 24 जून थी। इस पर छात्र के वकील ने परिवार की आर्थिक कठिनाइयों के बारे में बताया।

छात्र अतुल ने बताया, 'मेरे पिता राजेंद्र दिहाड़ी मजदूर हैं। घर के आर्थिक हालात ऐसे नहीं हैं कि पढ़ाई कर सकता, लेकिन दोस्तों और रिश्तेदारों की मदद से अब तक की पढ़ाई हुई। JEE अडवांस पास करने के बाद IIT धनबाद में सीट मिली और 17500 रुपये फीस जमा करने के लिए 4 दिन का वक्त मिला। 24 जून शाम 5 बजे तक फीस जमा करनी थी।' अतुल ने कहा, 'मेरे परिवार के लिए 17500 रुपये की रकम काफी बड़ी थी। भाई और पिता रुपये का इंतजाम करने में लगे थे, तब तक मैंने अपने सारे डॉक्यूमेंट वेबसाइट पर अपलोड कर दिए। शाम तक रुपये का इंतजाम हो गया। मैंने वेबसाइट पर फीस जमा करने की कोशिश की, तब तक 5 बज गए और पोर्टल बंद हो गया।

अतुल का यह केस मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के सामने रखा गया। अतुल के वकील ने कोर्ट को सारी बातें बताई और गुहार लगाई कि यदि दाखिला नहीं मिला तो इस प्रतिष्ठित एग्जाम के लिए दोबारा प्रयास नहीं कर पाएगा। शीर्ष अदालत की पीठ ने जॉइंट सीट अलोकेशन अथॉरिटी, IIT एडमिशन और IIT मद्रास से इस मामले में जवाब मांगा है। इस साल IIT मद्रास ने JEE अडवांस की परीक्षा आयोजित की थी।

कोर्ट ने अतुल के लिए सहानुभूति दिखाई, लेकिन उनके वकील से पूछा, 'आप तीन महीने से क्या कर रहे थे, क्योंकि फीस जमा करने की लास्ट डेट तो 24 जून थी?' इस पर अतुल के वकील ने कहा पैसों की व्यवस्था करने में होने वाली कठिनाइयों के बारे में बताया।

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