यूट्यूब पर भ्रामक और सनसनीखेज थंबनेल लगाने वालों पर सख्ती, अब नहीं चलेगी चालबाजी!
यूट्यूब पर एक भ्रामक या क्लिकबेट थंबनेल लगाने वाले क्रिएटर्स की खैर नहीं। यूट्यूब ऐसे क्रिएटर्स पर बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है।
नई दिल्ली (आरएनआई) दुनिया के सबसे बड़े वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब पर अब भ्रामक और सनसनीखेज थंबनेल लगाने वालों की खैर नहीं। यूट्यूब ने कहा है कि वह ऐसे वीडियो पर कड़ी कार्रवाई करेगा जो यूजर्स को लुभाने के लिए झूठे और भ्रामक तरीके अपनाते हैं। गूगल ने अपने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि "क्लिकबेट" एक गंभीर समस्या है जो दर्शकों का विश्वास कम करता है और मंच पर खराब अनुभव पैदा करता है। क्लिकबेट की समस्या से जूझने के लिए गूगल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लेगा।
गूगल ब्लॉग पोस्ट में यूट्यूब ने कहा कि वह "गंभीर" क्लिकबेट मामलों में, वीडियो बनाने वालों (क्रिएटर्स) को तीन "स्ट्राइक" देने की जगह, एक चेतावनी देगा और वीडियो को हटा देगा। यह चेतावनी यूट्यूब की नीतियों का उल्लंघन करने वाले वीडियो के लिए पहला कदम होगा। अगर कोई क्रिएटर चेतावनी मिलने के बाद भी बार-बार नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके चैनल पर बैन लग सकता है। कंपनी ने कहा कि वह अपनी नीतियों को लागू करने के लिए मशीन लर्निंग और ह्यूमन रिव्यू का इस्तेमाल करेगा।
यूट्यूब ने अपने पोस्ट में बताया है कि किन थंबनेल को गंभीर क्लिकबेट माना जाएगा। इनमें ऐसे वीडियो शामिल हैं जो दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि उन्हें कोई गंभीर खतरा है या फिर उन्हें कोई बड़ी रकम जीतने का मौका मिल रहा है, जबकि वीडियो में ऐसा कुछ नहीं होता है. उदाहरण के तौर पर किसी क्रिएटर ने थंबनेल बनाया है- "ब्रेकिंग न्यूज़! राष्ट्रपति ने दिया इस्तीफा!" लेकिन वीडियो में राष्ट्रपति के इस्तीफे के बारे में कोई जानकारी नहीं होगी। यह केवल दर्शकों को आकर्षित करने के लिए है। ऐसे वीडियो क्लिकबेट मानी जाएगी।
यूट्यूब के नियमों के मुताबिक थंबनेल में वही दिखना चाहिए जो वीडियो में है। यह दर्शकों को सटीक रूप से बताए कि वे वीडियो में क्या देखने वाले हैं। थंबनेल में ऐसी कोई जानकारी या दावा नहीं होना चाहिए जो वीडियो में मौजूद न हो। जैसे, "मुफ्त आईफोन पाएं!" अगर वीडियो में आईफोन मुफ्त में देने की कोई जानकारी नहीं है। थंबनेल में ऐसी तस्वीरें इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए जो दर्शकों को चौंकाने, डराने या गलत जानकारी देने के लिए बनाई गई हों। साथ ही नफरत फैलाने वाले सामग्री नहीं होनी चाहिए।
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