यूक्रेन ने रूस पर एक प्रमुख बांध को विस्फोट से उड़ाने का आरोप लगाया, बाढ़ की चेतावनी दी
दक्षिण यूक्रेन में रूस के कब्जे वाले एक प्रमुख बांध की दीवार मंगलवार को एक विस्फोट के बाद ढह गयी जिससे निचले इलाकों में पानी भरने लगा और गंभीर पारिस्थितिकी नुकसान की चेतावनी देनी पड़ी।
कीव, 6 जून 2023, (आरएनआई)। दक्षिण यूक्रेन में रूस के कब्जे वाले एक प्रमुख बांध की दीवार मंगलवार को एक विस्फोट के बाद ढह गयी जिससे निचले इलाकों में पानी भरने लगा और गंभीर पारिस्थितिकी नुकसान की चेतावनी देनी पड़ी।
दोनों पक्षों के अधिकारियों ने नदी के निचले इलाकों में रह रहे हजारों निवासियों को जगह खाली कर सुरक्षित स्थानों पर जाने का आदेश दिया है।
यूक्रेन ने रूस पर बांध और एक पनबिजली ऊर्जा केंद्र को विस्फोट से उड़ाने का आरोप लगाया है जबकि रूसी अधिकारियों ने यूक्रेन पर हमले करने का आरोप लगाया है।
इस बांध के ढहने के व्यापक नतीजे हो सकते हैं। इससे निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है और घरों, गलियों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में पानी भर सकता है, यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र बंद हो सकता है और क्रीमिया के दक्षिण में पेयजल आपूर्ति कम हो सकती है जिस पर रूस ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बांध के टूटने से किस पक्ष को फायदा होगा क्योंकि रूस तथा यूक्रेन दोनों के कब्जे वाले इलाकों में बाढ़ आने का खतरा है।
बांध के टूटने से दक्षिण में यूक्रेन की जवाबी कार्रवाई पर असर पड़ सकता है जबकि रूस क्रीमिया में जल आपूर्ति के लिए इस बांध पर निर्भर करता है।
आक्रोश के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की तत्काल एक बैठक बुलायी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि रूसी बलों ने देर रात दो बजकर 50 मिनट पर बांध में विस्फोट किया और कहा कि करीब 80 बस्तियां खतरे में हैं।
यूक्रेन के परमाणु ऑपरेटर एनर्गोएटम ने टेलीग्राम पर एक बयान में कहा कि बांध को विस्फोट से उड़ाने के जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए ‘‘नकारात्मक नतीजे हो सकते हैं’’ जो यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है। हालांकि, उन्होंने कहा कि स्थिति काबू में है।
संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने ट्वीट किया कि उसके विशेषज्ञ संयंत्र में स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं और ‘‘अभी परमाणु सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है।’’
यूक्रेन के प्राधिकारियों ने पहले आगाह किया कि बांध के टूटने से 4.8 अरब गैलन पानी बह सकता है और खेरसॉन तथा दर्जनों अन्य इलाकों में बाढ़ आ सकती है जहां हजारों लोग रहते हैं।
यूक्रेन के एक गैरसरकारी संगठन ने अनुमान जताया कि करीब 100 गांवों और शहरों में बाढ़ आएगी। उसने यह भी अनुमान लगाया कि पानी के स्तर में पांच से सात दिन बाद ही कमी आनी शुरू होगी।
राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के वरिष्ठ सलाहकार मायखेलो पोदोल्याक ने कहा, ‘‘एक वैश्विक पारिस्थितिकी आपदा पैदा हो रही है तथा अगले कुछ घंटों में हजारों जानवर और पारिस्थितिकी नष्ट हो जाएगी।’’
यूक्रेन के गृह मंत्रालय ने टेलीग्राम पर बताया कि काखोव्का बांध विस्फोट से उड़ा दिया गया है। मंत्रालय ने नदी के दाहिने किनारे पर 10 गांवों और खेरसॉन शहर के कुछ हिस्सों के निवासियों को घरेलू उपकरण बंद कर अपने जरूरी दस्तावेजों और मवेशियों के साथ सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की तथा भ्रामक सूचनाओं से सतर्क रहने को कहा है।
इस बीच, नोवा काखोव्का में रूस द्वारा नियुक्त मेयर व्लादिमीर लियोनत्येव ने कहा कि यूक्रेन के हमले ‘‘बहुत गंभीर आतंकवादी कृत्य’’ हैं।
यूक्रेन के पास नाइपर नदी पर बने छह में से पांच बांध का नियंत्रण है। यह नदी बेलारूस के साथ उसकी उत्तरी सीमा से लेकर काला सागर तक बहती है और देश में पेयजल और बिजली आपूर्ति के लिए काफी अहम है। काखोव्का बांध का नियंत्रण रूसी बलों के हाथ में है।
खेरसॉन क्षेत्रीय सैन्य प्रशासन के प्रमुख ओलेकसांद्र प्रोकुदिन ने सुबह सात बजे के आसपास टेलीग्राम पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, ‘‘रूसी सेना ने आतंकवाद के एक और कृत्य को अंजाम दिया है।’’ उन्होंने आगाह किया कि बांध को विस्फोट से उड़ा दिया गया है जिसकी वजह से पांच घंटे के भीतर पानी खतरनाक स्तर तक पहुंच जाएगा।
यूक्रेन की सरकारी पनबिजली कंपनी ने एक बयान में कहा कि काखोव्का बांध पूरी तरह तबाह हो गया है। उसने कहा , ‘‘पनबिजली ऊर्जा केंद्र की मरम्मत नहीं की जा सकती।’’
कंपनी ने यह भी दावा किया कि रूस ने इंजन कक्ष के भीतर से केंद्र में भी विस्फोट किया है।
मेयर लियोनत्येव ने मंगलवार को कहा कि काखोव्का पनबिजली संयंत्र पर किए गए कई हमलों में उसके वॉल्व नष्ट हो गए और ‘‘काखोव्का जलाशय से पानी अनियंत्रित तरीके से निचले इलाकों की ओर बहने लगा है।’’
उन्होंने कहा कि संयंत्र को काफी नुकसान पहुंचा है तथा इसका फिर से निर्माण कराना होगा।
यूक्रेन और रूस पहले भी एक-दूसरे पर बांध को निशाना बनाने का आरोप लगाते रहे हैं और पिछले साल अक्टूबर में जेलेंस्की ने आशंका जतायी थी कि रूस बाढ़ लाने के लिए बांध को निशाना बनाएगा।
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