यूएपीए पर ओवैसी की चेतावनी, कहा- चुनाव नतीजों से भी भाजपा ने नहीं ली सीख
शनिवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-मुस्लिमीन के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने चर्चा में बने यूएपीए कानून का विरोध किया। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि लगा कि चुनाव नतीजों को देख मोदी सरकार सुधर जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
हैदराबाद (आरएनआई) शनिवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-मुस्लिमीन के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने चर्चा में बने यूएपीए कानून का विरोध किया। उन्होंने कहा कि गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत हिरासत में लिए गए मुसलमानों, आदिवासियों और दलितों के भविष्य को लेकर चिंता है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि लगा कि चुनाव नतीजों को देख मोदी सरकार सुधर जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
ओवैसी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि यूएपीए कानून आज फिर चर्चा में है। यह बेहद क्रूर कानून है, जिसके तहत हजारों मुस्लिम, दलित और आदिवासी युवाओं को जेल में डाल दिया गया। जिससे उनकी जिंदगी बर्बाद हो गई। एआईएमआईएम प्रमुख ने आगे दावा किया कि 85 वर्षीय स्टेन स्वामी की मौत का कारण सख्त कानून बना। आदिवासी कार्यकर्ता स्वामी की 2021 में न्यायिक हिरासत में मौत हो गई। उन्हें 2018 भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया था।
ओवैसी ने लोकसभा में गैरकानूनी गतिविधियां संशोधन अधिनियम विधेयक 2019 पर आपत्ति जताई और यूएपीए कानून बनाने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा इस कानून को 2008 और 2012 में कांग्रेस सरकार ने और भी सख्त बना दिया था। मैंने तब भी इसका विरोध किया था। 2019 में जब भाजपा फिर से अधिक कड़े प्रावधान और छूट लेकर आई, तो कांग्रेस ने भाजपा का समर्थन किया। मैंने फिर इस कानून का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि मुझे मोदी 3.0 से उम्मीद थी वे चुनाव नतीजों से कुछ सबक लेंगे, लेकिन वे भी हमारी उम्मीद पर खरे नहीं उतरे। अत्याचार और ज्यादती होती रहेगी। हैदराबाद के सांसद ने तंज कसते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव के नतीजों से कुछ सीखेंगे। लेकिन नतीजों ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
इस सप्ताह के शुरूआत में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बुकर पुरस्कार विजेता लेखिका अरुंधति रॉय और कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय कानून के पूर्व प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन के खिलाफ 2010 में एक सार्वजनिक समारोह में भड़काऊ भाषण देने के मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दी गई है। उपराज्यपाल सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट 28 नवंबर 2010 को महानगर मजिस्ट्रेटर के निर्देश पर देशद्रोह, धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास और भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाले आरोपों और कथनों के अपराध के लिए दर्ज की गई थी। रॉय और हुसैन ने 21 अक्तूबर 2010 को एलटीजी ऑडिटोरियम, कोपरनिकस मार्ग में ’आजादी-एकमात्र रास्ता’ के बैनर तले आयोजित एक सम्मलेन में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिए थे। सम्मेलन में जिन मुद्दों पर चर्चा की गई और जिन बातों का जिक्र हुआ, उनमें कथित तौर पर कश्मीर को भारत से अलग करने का प्रचार किया गया। इसी बीच लोकसभा नतीजे दोनों गठबंधनों के लिए एक झटका के रूप में आए क्योंकि भाजपा इस बार 272 सीटों के बहुमत के आंकड़े को पार करने में विफल रही। वहीं 2014 में 282 और 2019 में 303 सीटें ही हासिल की। भारत ब्लॉक सत्ता तक नहीं पहुंच सका।
भारत के चुनाव आयोग के जारी नतीजों में भाजपा ने 240 सीट जीतीं। 2019 में 303 सीटों के मुकाबले में यह काफी कम थीं। वहीं कांग्रेस ने सीटों पर बढ़त हासिल करते हुए 99 सीट जीती। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधने ने 293 सीट हासिल की। जबकि भारत ब्लॉक ने 230 का आंकड़ा पार करते हुए कड़ी प्रतिस्पर्धा की।
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