युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर सोशल मीडिया के प्रभाव का उठा मुद्दा, कांग्रेस सांसद ने की बहस की मांग
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर सोशल मीडिया के प्रभाव का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कोरोना महामारी के बाद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बढ़ती भारतीय युवाओं की निर्भरता मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंता का कारण बन गई है।इस पर सदन में चर्चा किए जाने की जरूरत है।

नई दिल्ली (आरएनआई) लोकसभा में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर सोशल मीडिया के प्रभाव का मुद्दा उठाया। उन्होंने इस मुद्दे पर बहस की मांग की। सांसद ने वेबसीरिज एडोलसेंस का भी जिक्र किया। इसमें विषाक्त पुरुषत्व को बढ़ावा देने वाले ऑनलाइन प्रभावशाली लोगों के उदय के साथ-साथ इस मुद्दे को भी उठाया गया है।
कांग्रेस सांसद ने सदन में कहा कि कोरोना महामारी के बाद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बढ़ती भारतीय युवाओं की निर्भरता मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंता का कारण बन गई है। सोशल मीडिया के प्रभाव के कारण तनाव बढ़ रहा है। चिंता बढ़ रही है और इन सबका युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर बड़े पैमाने पर असर पड़ा है।
उन्होंने कहा कि शैक्षणिक दबाव, साइबर बुलिंग और भावनात्मक संकट के चलते छात्रों के आत्महत्या करने की बढ़ती दर चिंताजनक है। भारत में छात्रों की आत्महत्या की संख्या में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है, एक सर्वेक्षण के अनुसार पिछले पांच वर्षों में लगभग 40,000 युवाओं ने आत्महत्या की है।
उन्होंने नेटफ्लिक्स की वेबसीरिज एडोलसेंस का जिक्र किया। कांग्रेस सांसद ने कहा कि नेटफ्लिक्स की वेबसीरीज एडोलसेंस इन मुद्दों को उजागर करती है। यह ऑनलाइन प्रभावशाली लोगों की संख्या में बढ़ते विषाक्त पुरुषत्व को बढ़ावा देती है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों को नुकसान पहुंचाती है।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि हमें इस तथ्य को सामान्य बनाने की आवश्यकता है कि असली ताकत भावनाओं का सामना करने में निहित है। हमें युवाओं को तनाव और चिंता से निपटने में मदद करने के लिए भावनात्मक बुद्धिमत्ता और खुले संवाद को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने सदन से युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर स्वस्थ बहस आयोजित करने का आग्रह किया।
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