युद्ध विराम और बंधकों रिहाई की मांग करते हुए सड़कों पर उतरे इस्राइली, नेतन्याहू सरकार पर बनाया दबाव
पिछले साल सात अक्तूबर के बाद पहली बार इस्राइल के सबसे बड़े ट्रेड यूनियन फेडरेशन हिस्टाड्रट ने सरकार पर युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर करने को लेकर दबाव डालने के लिए आम हड़ताल का आह्वान किया।
यरूशलम (आरएनआई) इस्राइल-हमास संघर्ष को अब एक साल होने वाला है, लेकिन तनाव अभी भी बरकरार है। इस बीच युद्धविराम समझौते और हमास द्वारा बंदी बनाए गए लोगों की रिहाई की मांग करते हुए इस्राइली सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने पोस्टरों में 'अभी-अभी' के नारे भी लगाए और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से युद्धविराम की मांग करने लगे। रविवार को प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प की भी सूचना मिली।
तेल अवीव में कई प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। उन्होंने पश्चिमी यरुशलम में प्रधानमंत्री नेतन्याहू के बाहर भी प्रदर्शन किया। बंधक और लापता परिवार फोरम ने कहा कि छह बंधकों की मौत नेतन्याहू की युद्ध रोकने और बंधनों की घर वापसी के समझौते में विपलक्षा का स्पष्ट परिणाम है। उन्होंने कहा, उन सभी को 11 महीने तक यातना, दुर्व्यवहार और भुखमरी झेलने के बाद हाल ही में मार दिया गया।
कार्मेल गैट, जिनका शव वापस लौटने वालों में शामिल था, के चचेरे भाई गिल डिकमैन नेइस्राइली नागरिकों से सरकार पर दबाव बनाने का आग्रह किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, सड़कों पर उतरें और सबके वापस आने तक देश में सबकुछ बंद रखें। उन्हें अब भी बचाया जा सकता है।
पिछले साल सात अक्तूबर के बाद पहली बार इस्राइल के सबसे बड़े ट्रेड यूनियन फेडरेशन हिस्टाड्रट ने सरकार पर युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर करने को लेकर दबाव डालने के लिए आम हड़ताल का आह्वान किया। इस्राइली सेना द्वारा गाजा पर किए गए हमले में 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौत चुकी है, जबकि 94 हजार से अधिक लोग घायल हैं। पिछले साल सात अक्तूबर को हमास ने इस्राइल पर हमला किया था, जिसमें 1,139 इस्राइली लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान हमास ने 250 लोगों को बंधक बनाकर अपने साथ ले गए।
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