'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण', चुनावी नियमों में संशोधन पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने की आलोचना
चुनावी नियमों में संशोधन पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा किइन बदलावों से चुनावी प्रक्रिया की अखंडता और विश्वसनीयता पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
नई दिल्ली (आरएनआई) कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने रविवार को चुनाव नियमों में किए गए संशोधनों पर चिंता जताई। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इन बदलावों से चुनावी प्रक्रिया की अखंडता और विश्वसनीयता पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
कांग्रेस नेता का यह बयान पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एक हालिया फैसले का बाद आया है। कोर्ट ने 'महमूद प्राचा बनाम चुनाव आयोग' के मामले में आदेश दिया था कि हरियाणा विधानसभा चुनाव से जुड़े सारे दस्तावेज सार्वजनिक किए जाएं, जिसमें सीसीटीवी फुटेज भी शामिल है।
मनीष तिवारी ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में मामला चल रहा था। उन्होंने कहा कि अदालत ने कुछ निर्देश दिए थे, तब चुनाव आचरण नियम, खासकर इन निर्देशों से संबंधित, बदल दिए गए। इसके साथ ही उन्होंने इन बदलावों की आलोचना की और कहा कि इन्हें संसद में रखा जाना चाहिए। तिवारी ने कहा कि आगामी बजट सत्र में भारत ब्लॉक सही कदम उठाएगा और संसद में इस पर उचित निर्णय लिया जाएगा।
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत 1961 के चुनाव संचालन नियम के नियम 93(2)(ए) में लाए गए बदलावों पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हमारी पार्टी पहले ही प्रतिक्रिया दे चुकी है। संसद सत्र पर उन्होंने कहा कि जिस तरह से भाजपा ने इसे नहीं चलने देने का फैसला किया था, वे इसमें सफल रहे।
केंद्र द्वारा किए गए हालिया संशोधन के बाद सीसीटीवी फुटेज जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों पर सार्वजनिक जांच को सीमित कर दिया गया है और यह बदलाव चुनाव आयोग की सिफारिश पर किया गया है। केंद्रीय कानून मंत्रालय ने हाल ही में चुनाव नियम 93 (2) में बदलाव किया, जिससे यह स्पष्ट किया गया कि कौन से दस्तावेज सार्वजनिक निरीक्षण के लिए उपलब्ध होंगे।
चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उम्मीदवारों को पहले से ही सभी दस्तावेजों और कागजात तक पहुंच हासिल है और इस संबंध में कोई नया संशोधन नहीं किया गया है। जबकि नियम चुनाव कागजात की बात करता है। लेकिन यह इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स का स्पष्ट रूप से जिक्र नहीं करता है। नियम में यह अस्पष्टता और मतदान केंद्रों के भीतर सीसीटीवी फुटेज के संभावित दुरुपयोग को लेकर चिंता है। खासतौर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में हो रही प्रगति के कारण इसे लेकर यह संशोधन किया गया है, ताकि मतदाता की गोपनीयता को सुरक्षित रखा जा सके और इसका दुरुपयोग रोका जा सके।
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