'यह तानाशाही की शुरुआत', 'एक देश-एक चुनाव' विधेयक पर बोले वीबीए अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर
प्रस्तावित 'एक देश एक चुनाव' के बारे में वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने चिंता जताते हुए इसे तानाशाह की शुरुआत करार दिया है। उन्होंने कहा कि यदि यह विधेयक पास हो गया, तो यह भारत में राजनीतिक दलों के खत्म होने की शुरुआत हो सकती है।
मुंबई (आरएनआई) देश भर में एक देश एक चुनाव के मुद्दे को लेकर सियासी गर्माहट सातवें आसमान पर है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी तकरार भी बड़े पैमाने पर देखने को मिल रही है। इसी बीच बुधवार को प्रस्तावित 'एक देश एक चुनाव' के बारे में वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने चिंता जताते हुए इसे तानाशाह की शुरुआत करार दिया। उन्होंने कहा कि यदि यह विधेयक पास हो गया, तो यह भारत में राजनीतिक दलों के खत्म होने की शुरुआत हो सकती है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए आंबेडकर ने कहा कि अगर यह विधेयक पारित होता है, तो इस देश का भविष्य खतरे में होगा। राजनीतिक दलों का अंत शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही विपक्ष के इस आरोप पर कि यह विधेयक संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाएगा, आंबेडकर ने कहा संघीय ढांचा पहले ही खत्म हो चुका है। जीएसटी के कारण राज्य अब केंद्र पर आर्थिक रूप से निर्भर हैं और उनकी अर्थव्यवस्थाएं खत्म हो गई हैं।
एक अन्य सवाल के जवाब में प्रकाश आंबेडकर ने एक देश एक चुनाव के विधेयक को तानाशाह की शुरुवआत बताते हुए कहा कि यह तानाशाही की शुरुआत है। कांग्रेस को स्पष्ट रुख अपनाना होगा, उसे ढुलमुल नहीं होना चाहिए।
संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 को मतदान के बाद लोकसभा में पेश किया गया। विधेयक के पक्ष में 269 और विपक्ष में 196 वोट पड़े। इसके बाद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इन विधेयकों को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने की सहमति दी। इसके अलावा, मेघवाल ने दिल्ली, जम्मू और कश्मीर, और पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों को 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के ढांचे के साथ जोड़ने के लिए अन्य विधेयकों में संशोधन पेश किए।
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