यशवंत वर्मा मामले पर सीजीआई से मिलने पहुंचे बार एसोसिएशंस के अधिवक्ता, कहा- एफआईआर दर्ज कराई जाए
जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास पर कथित तौर पर अधजली हुई नकदी मिली थी। इस मामले की हाईकोर्ट के अधिवक्ता जांच की मांग करने पर अड़े हैं। इसी सिलसिले में अलग-अलग राज्यों के हाईकोर्ट बार एसोएिसशन के अधिवक्ता सीजेआई से मिलने आए हैं।

नई दिल्ली (आरएनआई) दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के सरकारी घर से कथित तौर पर आधी जली हुई नकदी मिलने के मामले को लेकर हंगामा मचा हुआ है। गुरुवार को अलग-अलग राज्यों की हाईकोर्ट के बार एसोसिएशन के अधिवक्ता इस मामले को लेकर मुख्य न्यायाधीश से मिलने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। उन्होंने मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय, लखनऊ पीठ, गुजरात, कर्नाटक और मध्य प्रदेश की जबलपुर पीठ के बार एसोसिएशनों के अध्यक्ष न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के मुद्दे पर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों से मुलाकात करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय पहुंचे हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी का कहना है कि जस्टिस वर्मा को किसी अन्य हाईकोर्ट में स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए और तुरंत एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।
हाईकोर्ट के बार एसोसिएशन ने एक संयुक्त बयान भी जारी किया है। इसमें कहा गया है कि बार एसोसिएशन मुख्य न्यायाधीश और कॉलेजियम से अनुरोध करती है कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का स्थानांतरण वापस लिया जाए और पहले से वापस लिए गए न्यायिक कार्य के अतिरिक्त सभी प्रशासनिक कार्य भी वापस लिए जाएं।
कथित नकदी की बरामदगी 14 मार्च को रात करीब 11.35 बजे जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित आवास में आग लगने के बाद हुई। मौके पर अग्निशमन अधिकारी पहुंचे थे। विवाद के मद्देनजर सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति वर्मा को उनके पैतृक इलाहाबाद उच्च न्यायालय वापस भेजने की सिफारिश की। 22 मार्च को सीजेआई ने आरोपों की आंतरिक जांच करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया और घटना में दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय की जांच रिपोर्ट अपलोड करने का फैसला किया। इसमें कथित तौर पर भारी मात्रा में नकदी मिलने की तस्वीरें और वीडियो शामिल थे। न्यायमूर्ति वर्मा ने आरोपों को खारिज किया और कहा कि उनके या उनके परिवार के किसी सदस्य द्वारा स्टोररूम में कभी भी कोई नकदी नहीं रखी गई। इस बीच मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त इन-हाउस कमेटी के तीन सदस्यों ने आरोपों की जांच शुरू करने के लिए न्यायमूर्ति वर्मा के आवास का दौरा किया था।
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