मौनी अमावस्या पर प्रयागराज आने वालों को नहीं देना होगा टोल टैक्स, योगी सरकार की मांग पर केंद्र का बड़ा फैसला
27 जनवरी की रात आठ बजे से 30 जनवरी यानि प्रमुख स्नान पर्व के दौरान 72 घटे तक तक कुंभ नगरी में प्रवेश करने पर टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की ओर से प्रक्रिया टोल फ्री किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रयागराज में लाला नगर मुंगेरी हर्रोउमापुर हंडिया सहसो सोरांव नवाबगंज कोखराजरामनगर घसियारी पर टोल टैक्स लिया जाता है।
प्रयागराज (आरएनआई) महाकुंभ को भव्य, दिव्य और नव्य बनाने में जुटी डबल इंजन की सरकार मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। प्रदेश सरकार की मांग पर केंद्र सरकार महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में प्रवेश करने पर सभी सात टोल प्लाजा पर टैक्स मुक्त करने का निर्णय लिया है।
27 जनवरी की रात आठ बजे से 30 जनवरी यानि प्रमुख स्नान पर्व के दौरान 72 घटे तक तक कुंभ नगरी में प्रवेश करने पर टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की ओर से प्रक्रिया टोल फ्री किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
एनएचएआई के एक अधिकारी ने बताया कि प्रमुख स्नान पर करोड़ों लोग स्नान करने आते हैं ऐसे में उनके ऊपर किसी भी तरह का अतिरिक्त खर्च न पड़े, इसके अलावा जाम की समस्या से भी लोग बचें, जिसको लेकर यह निर्णय लिया गया है। प्रयागराज में लाला नगर, मुंगेरी, हर्रो,उमापुर, हंडिया, सहसो, सोरांव, नवाबगंज, कोखराज,रामनगर घसियारी पर टोल टैक्स लिया जाता है।
सोमवार की रात आठ बजे से इन 10 स्थानों से टोल टैक्स वसूलने की प्रक्रिया पूरी तरह से बंद कर दी गई है। बसंत पंचमी और माघी पूर्णिमा पर भी टैक्स नहीं लिया जाएगा।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण यातायात व्यवस्था प्रभावित हो गई है। शनिवार को उमड़ी भीड़ के चलते मेला क्षेत्र में पैदल चलना भी दूभर हो गया था। तीर्थ यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मेला क्षेत्र में सभी तरह के वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। आवश्यक वस्तुओं से संबंधित वाहनों और साधु-संतों के वाहनों को प्रवेश की अनुमति रहेगी, लेकिन ऐसे साधु संत के वाहन ही मेले में जाएंगे जो वहां रह रहे हैं। इस दौरान मीडिया को छोड़कर अन्य किसी के पास मान्य नहीं रहेंगे
महाकुंभ के डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि यह व्यवस्था मौनी अमावस्या (29 जनवरी) तक लागू रहेगी। उन्होंने कहा, यातायात नियंत्रण और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यह कदम उठाया गया है। केवल आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले वाहन और मेला क्षेत्र में रुके हुए साधु-संतों के वाहन ही मेला क्षेत्र में प्रवेश कर पाएंगे।
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