मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने का हो सकता है फैसला। 

Aug 9, 2023 - 13:07
 0  270
मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने का हो सकता है फैसला। 
आरबीआई

मुद्रास्फीति में लगातार गिरावट (वर्तमान में 18 महीने के निचले स्तर पर) और आगे गिरावट की संभावना ने केंद्रीय बैंक को प्रमुख ब्याज दर पर फिर से ब्रेक लगाने के लिए प्रेरित करेगा। मुद्रास्फीति विकसित अर्थव्यवस्थाओं सहित कई देशों के लिए चिंता का विषय रही है, लेकिन भारत अपने मुद्रास्फीति के दायरे को काफी अच्छी तरह से नियंत्रित करने में कामयाब रहा।
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीसरी बैठक अभी चल रही है और समीक्षा के नतीजे की घोषणा गुरुवार सुबह की जाएगी। आरबीआई आमतौर पर एक वित्तीय वर्ष में छह द्विमासिक बैठकें आयोजित करता है, जहां यह ब्याज दरों, धन की आपूर्ति, मुद्रास्फीति दृष्टिकोण और विभिन्न व्यापक आर्थिक संकेतकों को तय करता है। तीन दिवसीय बैठक मंगलवार को शुरू हुई।

जून की शुरुआत में अपनी पिछली बैठक में केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया था। इसकी अधिकांश विश्लेषकों ने उम्मीद जतायी थी। आरबीआई ने अप्रैल की बैठक में भी रेपो रेट में कोई इजाफा नहीं किया था। रेपो रेट वह ब्याज दर होती है जिस पर आरबीआई दूसरे बैंकों को कर्ज देता है।
मुद्रास्फीति में लगातार गिरावट (वर्तमान में 18 महीने के निचले स्तर पर) और आगे गिरावट की संभावना केंद्रीय बैंक को प्रमुख ब्याज दर पर फिर से ब्रेक लगाने के लिए प्रेरित करेगा। मुद्रास्फीति विकसित अर्थव्यवस्थाओं सहित कई देशों के लिए चिंता का विषय रही है, लेकिन भारत अपने मुद्रास्फीति के दायरे को काफी अच्छी तरह से नियंत्रित करने में कामयाब रहा। 
अप्रैल के ठहराव को छोड़कर आरबीआई ने मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई में मई 2022 से रेपो दर को संचयी रूप से 250 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था। ब्याज दरों को बढ़ाना एक मौद्रिक नीति का साधन है जो आम तौर पर अर्थव्यवस्था में मांग को दबाने में मदद करता है। इससे मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।

भारत की खुदरा मुद्रास्फीति लगातार तीन तिमाहियों के लिए आरबीआई के 6 प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर थी और नवंबर 2022 में आरबीआई इसे संतोषजनक क्षेत्र में वापस लाने में कामयाब रही थी। मुद्रास्फीति लक्ष्य निर्धारण ढांचे के तहत यदि महंगाई लगातार तीन तिमाहियों तक 2-6 प्रतिशत के दायरे से बाहर रहती है तो रिजर्व बैंक को इसके प्रबंधन में विफल माना जाता है। अब देखना यह है कि जून में मुद्रास्फीति में तेजी को देखते हुए आरबीआई लगातार तीसरी बार रेपो दर को अपरिवर्तित रखेगा या इसमें बढ़ोतरी करेगा। आइए जानते हैं कि इस पर बाजार के जानकारों का क्या कहना है?
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, "बाजार रेपो दर में यथास्थिति बनाए रखने की उम्मीद कर रहा है, लेकिन वह मुद्रास्फीति के बारे में रिजर्व बैंक के आकलन और वृद्धि के परिदृश्य को सुनने के लिए उत्सुक है।" नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (आरबीआई, एमपीसी) रेपो दर को अपरिवर्तित रखेगी क्योंकि भारत में मुद्रास्फीति की दर सहनशीलता की ऊपरी सीमा के भीतर बनी हुई है। इससे रियल एस्टेट क्षेत्र को अपनी मौजूदा गति बनाए रखने में मदद मिलेगी।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.