मॉन्स्टर को खोजने के लिए सैकड़ों लोग हुए एकत्र
लोच नेस एक्सप्लोरेशन के सह-आयोजक एलन मैककेना ने कहा, सभी प्रकार के प्राकृतिक व्यवहार और घटनाओं को रिकॉर्ड करना, अध्ययन करना और उनका विश्लेषण करना हमेशा से हमारा लक्ष्य रहा है। इन्हें समझाना अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है। खोजकर्ताओं का मानना है कि थर्मल स्कैनर धुंधली गहराइयों में किसी भी अजीब विसंगति की पहचान करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
लंदन। (आरएनआई) ब्रिटेन में लोच नेस मॉन्स्टर को खोजने के लिए सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए। पांच दशकों में लोच नेस मॉन्स्टर की सबसे बड़ी खोज शनिवार को स्कॉटिश हाइलैंड्स में शुरू हुई। जहां दुनिया भर के शोधकर्ता और उत्साही लोग मायावी नेस्सी को खोजने की कोशिश करने के लिए एकत्र हुए हैं। अभियान में थर्मल स्कैनर वाले ड्रोन, इंफ्रारेड कैमरे वाली नावें और एक पानी के नीचे हाइड्रोफोन तैनात किया जाएगा ताकि उस रहस्य को जानने की कोशिश की जा सके जिसने दुनिया को पीढ़ियों से मोहित कर रखा है।
लोच नेस एक्सप्लोरेशन के सह-आयोजक एलन मैककेना ने कहा, सभी प्रकार के प्राकृतिक व्यवहार और घटनाओं को रिकॉर्ड करना, अध्ययन करना और उनका विश्लेषण करना हमेशा से हमारा लक्ष्य रहा है। इन्हें समझाना अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है। खोजकर्ताओं का मानना है कि थर्मल स्कैनर धुंधली गहराइयों में किसी भी अजीब विसंगति की पहचान करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
हाइड्रोफोन खोजकर्ताओं को पानी के नीचे नेस्सी जैसी असामान्य आवाज को सुनने में मदद करेगा। जहां नेस्सी की खोज की जा रही है वह 23 मील (36 किलोमीटर) तक फैली और 788 फीट (240 मीटर) की अधिकतम गहराई वाली मीठे पानी की झील है, जो आयतन के हिसाब से ब्रिटेन की सबसे बड़ी झील है।
लोच नेस में एक जलीय राक्षस के छिपे होने की खबरें प्राचीन काल से चली आ रही हैं। इस क्षेत्र में पत्थर की नक्काशी में एक रहस्यमय जानवर को फ्लिपर्स (मछली के पंख) के साथ दर्शाया गया है। इस प्राणी का सबसे पहला लिखित रिकॉर्ड आयरिश संत सेंट कोलंबा की जीवनी में 565 ईसवी का है। लेख के अनुसार, राक्षस ने एक तैराक पर हमला किया और वह फिर से हमला करने वाला था, तभी कोलंबा ने उसे पीछे हटने का आदेश दिया।
इस बारे में मई 1933 में स्थानीय इनवर्नेस कूरियर अखबार ने एक नवनिर्मित झील के किनारे वाली सड़क पर गाड़ी चला रहे एक जोड़े को पानी में "जबरदस्त उथल-पुथल" देखने की सूचना दी थी। रिपोर्ट में कहा गया था, वहां जीव एक मिनट तक लुढ़कता और गिरता रहा, उसका शरीर व्हेल जैसा था और पानी ऐसे गिर रहा था जैसे उबलती कड़ाही से गिर रहा हो और वह इसे मथ रहा था।
उसी साल दिसंबर में ब्रिटिश अखबार डेली मेल ने दक्षिण अफ्रीका के एक बड़े शिकारी मार्माड्यूक वेदरेल की समुद्री राक्षस का पता लगाने के लिए भर्ती की थी। वेदरेल को बड़े पैरों के निशान मिले थे।उनका मानना था कि ये लगभग 20 फीट लंबे एक बहुत शक्तिशाली नरम पैरों वाले जानवर के थे।
लेकिन लंदन के प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय के प्राणीशास्त्रियों ने निर्धारित किया कि यह आकृति एक छाता स्टैंड या ऐशट्रे जैसी है, जिसका आधार दरियाई घोड़े का पैर था। 1934 में अंग्रेजी चिकित्सक रॉबर्ट विल्सन ने एक तस्वीर खींची जिसे "सर्जन की तस्वीर" के नाम से जाना जाता है। इस तस्वीर में नेस्सी का सिर और लम्बी गर्दन पानी से बाहर निकलती हुई दिखाई दे रही थी। डेली मेल में प्रकाशित यह तस्वीर बाद में एक धोखाधड़ी का हिस्सा होने के रूप में सामने आई, जिसने लोच नेस मॉन्स्टर को अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिला दी।
इनवर्नेस के पास ड्रम्नाड्रोचिट (Drumnadrochit) में 'द लोच नेस सेंटर' के अनुसार, अब तक 1,100 से अधिक आधिकारिक तौर पर नेस्सी देखे जाने का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। यह मॉन्स्टर हर साल स्कॉटिश अर्थव्यवस्था के पर्यटन राजस्व में लाखों पाउंड (डॉलर) का योगदान देता है।
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