मेलबर्न टेस्ट में भारत की हार पर फूटा सुनील गावस्कर का गुस्सा, रोहित-कोहली को ठहराया जिम्मेदार
चौथे टेस्ट के अंतिम दिन भारत के सामने 340 रन का लक्ष्य था लेकिन यशस्वी जायसवाल (84) को छोड़कर कोई भी अन्य भारतीय बल्लेबाज योगदान नहीं दे पाया। भारत को इस मैच में 184 रन से हार का सामना करना पड़ा। गावस्कर ने कहा- सीनियर खिलाड़ियों ने वास्तव में वह योगदान नहीं दिया जो उन्हें देना चाहिए था, उन्हें बस आज अच्छी बल्लेबाजी करनी थी।
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मेलबर्न (आरएनआई) मेलबर्न टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 184 रन से हराकर सीरीज में 1-2 की बढ़त हासिल कर ली। चौथे टेस्ट की दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। रोहित शर्मा (9), केएल राहुल (0) और विराट कोहली (5) जैसे अनुभवी बल्लेबाज छोटी पारियां खेलकर पवेलियन लौट गए। इसके नतीजा ये रहा कि टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया से सीरीज में पिछड़ गई। अब पूर्व भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने सीनियर बल्लेबाजों की आलोचना की। उन्होंने अनुभवी खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन पर सवाल खड़े किए हैं।
मेलबर्न टेस्ट में भारत की हार के लिए सुनील गावस्कर ने सीनियर बल्लेबाजों को जिम्मेदार ठहराया है। पूर्व क्रिकेटर ने इंडिया टुडे से कहा- यह सब चयनकर्ताओं पर निर्भर करता है। जो योगदान अपेक्षित था वह नहीं आया है। यह शीर्ष क्रम है जिसे योगदान देना है, यदि शीर्ष क्रम के बल्लेबाज योगदान नहीं दे रहे हैं तो फिर तो निचले क्रम को दोष क्यों दें।
चौथे टेस्ट के अंतिम दिन भारत के सामने 340 रन का लक्ष्य था लेकिन यशस्वी जायसवाल (84) को छोड़कर कोई भी अन्य भारतीय बल्लेबाज योगदान नहीं दे पाया। भारत को इस मैच में 184 रन से हार का सामना करना पड़ा। गावस्कर ने आगे कहा- सीनियर खिलाड़ियों ने वास्तव में वह योगदान नहीं दिया जो उन्हें देना चाहिए था, उन्हें बस आज अच्छी बल्लेबाजी करनी थी। यह सिर्फ इतना है कि शीर्ष क्रम ने योगदान नहीं दिया और यही कारण है कि भारत इस स्थिति में पहुंचा।
इस दौरान गावस्कर ने यशस्वी जायसवाल की सराहना की लेकिन वह पंत के गलत शॉट के चयन पर नाराज दिखे। मालूम हो कि, भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी और टीम ने महज 33 रन के अंदर ही तीन विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद यशस्वी और पंत ने मिलकर पारी को संभाला। भारत को 121 के स्कोर पर चौथा झटका लगा। ट्रेविस हेड ने ऋषभ पंत को मिचेल मार्श के हाथों कैच कराया। वह 104 गेंद में 30 रन बना सके। पंत ने यशस्वी के साथ मिलकर दूसरे सत्र में भारत का कोई विकेट नहीं गिरने दिया था, लेकिन तीसरे सत्र में वह एकाग्रता खो बैठे और बड़े शॉट के चक्कर में विकेट गंवा बैठे। पंत ने यशस्वी के साथ 88 रन की साझेदारी की।
गावस्कर ने कहा, ऋषभ पंत और यशस्वी जायसवाल ने लंच के बाद के सत्र में जिस तरह से बल्लेबाजी की उससे निश्चित तौर पर लग रहा था कि भारत इस मैच को ड्रॉ कर सकता है। आप जानते हैं कि क्रिकेट में इस शॉट को सिक्सर कहा जाता है जो किसी ड्रग की लत की तरह है। एक बार जब आप कुछ छक्के मार देते हैं, तो आप सोचते हैं कि वास्तव में यह सही तरीका है। जब आप गेंद को स्टैंड में पहुंचाते हैं तो एक बल्लेबाज के लिए इससे बेहतर कोई एहसास नहीं है। सिक्सर एक अलग तरह का एहसास है और यह एक ड्रग है जो आपके सिस्टम में चला जाता है। उस समय छक्का लगाने की कोई जरूरत नहीं थी। इससे हम मैच नहीं जीतने वाले थे। अगर उस समय जमीन से चिपकता शॉट खेला जाता तो हमें चार रन मिलते। इससे ऑस्ट्रेलिया के लिए जीत के दरवाजे खुल गए।
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