'मेरी व्यक्तिगत विश्वसनीयता दांव पर है', सुनवाई के दौरान फिर नाराज हुए मुख्य न्यायाधीश
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वह ऐसा नहीं होने देंगे क्योंकि इससे उनकी 'व्यक्तिगत विश्वसनीयता' दांव पर लग जाती है। गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार को भी मुख्य न्यायाधीश ने एक वकील को कड़ी फटकार लगाई थी।
नई दिल्ली (आरएनआई) भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को वकीलों द्वारा एक नई प्रथा शुरू करने की तीखी निंदा की। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वह ऐसा नहीं होने देंगे क्योंकि इससे उनकी 'व्यक्तिगत विश्वसनीयता' दांव पर लग जाती है। गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार को भी मुख्य न्यायाधीश ने एक वकील को कड़ी फटकार लगाई थी।
सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि 'अलग-अलग वकीलों द्वारा बार-बार एक ही मामले का उल्लेख करने की इस प्रथा को रोकें। ये प्रथा लगातार बढ़ रही है। मुख्य न्यायाधीश के तौर पर मेरे पास जो भी थोड़ा-बहुत विवेक है, उसका इस्तेमाल कभी भी आपके पक्ष में नहीं किया जाएगा, क्योंकि इस अदालत को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। इससे मेरी व्यक्तिगत विश्वसनीयता दांव पर लग जाती है। मुझे सभी के लिए तय नियमों का पालन करना होता है।'
सीजेआई ने कहा कि 'अलग-अलग वकील लाओ और देखो... जज थोड़ा ध्यान न दें और आपको आदेश मिल जाता है। इस अदालत में यही हो रहा है। मैं ऐसा नहीं करूंगा। क्योंकि मेरी व्यक्तिगत विश्वसनीयता दांव पर है।' ये टिप्पणियां दिन की कार्यवाही की शुरुआत में की गईं, जब एक वकील ने तत्काल लिस्टिंग के लिए खनन पट्टे की समाप्ति से संबंधित एक मामले का उल्लेख किया।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को भी एक मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई वकील पर भड़क गए थे। दरअसल वकील ने सुनवाई के दौरान 'हां' (Yeah) शब्द का इस्तेमाल कर दिया था। इस पर नाराज होते हुए सीजेआई ने कहा कि यह कॉफी शॉप नहीं है। ये हां, हां क्या है। मुझे इस शब्द से नफरत है। अदालत में इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती।'
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB
What's Your Reaction?