मुडा घोटाला: सीएम सिद्धारमैया की पत्नी को ईडी का समन, सबूत और रिकॉर्ड पेश करने के लिए दफ्तर बुलाया
मुडा साइट आवंटन मामले में यह आरोप लगाया गया है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी को मैसूर के एक पॉश इलाके में साइटें आवंटित की गईं, जिसका मूल्य उनकी भूमि के स्थान की तुलना में अधिक था।
बेंगलुरु (आरएनआई) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) भूमि आवंटन घोटाले के सिलसिले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती बीएम को समन भेजा। उन्होंने पार्वती को मंगलवार को ईडी दफ्तर में पेश होने के लिए कहा। ईडी के अतिरिक्त निदेशक मुरलीकन्नन ने बताया कि वे धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के प्रावधानों के तहत मामले की जांच कर रहे हैं। पीएमएलए के तहत जांच या कार्यवाही के संबंध में सबूत देने और रिकॉर्ड पेश करने के लिए पार्वती की को ईडी कार्यालय बुलाया गया है। बता दें कि ईडी के साथ लोकायुक्त भी इस मामले की जांच कर रही है। बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने लोकायुक्त द्वारा मुडा घोटाले मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। अब अदालत के अंतिम आदेश तक लोकायुक्त मुडा की अनियमितताओं की जांच करता रहेगा।
मुडा साइट आवंटन मामले में यह आरोप लगाया गया है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी को मैसूर के एक पॉश इलाके में साइटें आवंटित की गईं, जिसका मूल्य उनकी भूमि के स्थान की तुलना में अधिक था। इस भूमि को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहीत किया गया था।
मुडा शहरी विकास के दौरान अपनी जमीन खोने वाले लोगों के लिए एक योजना लेकर आई थी। 50:50 नाम की इस योजना में जमीन खोने वाले लोग विकसित भूमि के 50% के हकदार होते थे। यह योजना 2009 में पहली बार लागू की गई थी। जिसे 2020 में उस वक्त की भाजपा सरकार ने बंद कर दिया।
सरकार द्वारा योजना को बंद करने के बाद भी मुडा ने 50:50 योजना के तहत जमीनों का अधिग्रहण और आवंटन जारी रखा। सारा विवाद इसी से जुड़ा है। आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को इसी के तहत लाभ पहुंचाया गया।
मुख्यमंत्री की पत्नी की 3.16 एकड़ भूमि मुडा द्वारा अधिग्रहित की गई। इसके बदले में एक महंगे इलाके में 14 साइटें आवंटित की गईं। मैसूर के बाहरी इलाके केसारे में यह जमीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने 2010 में उपहार स्वरूप दी थी। आरोप है कि मुडा ने इस जमीन का अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर तृतीय चरण की योजना विकसित कर दी।
मुआवजे के लिए मुख्यमंत्री की पार्वती ने आवेदन किया जिसके आधार पर, मुडा ने विजयनगर III और IV फेज में 14 साइटें आवंटित कीं। यह आवंटन राज्य सरकार की 50:50 अनुपात योजना के तहत कुल 38,284 वर्ग फीट का था। जिन 14 साइटों का आवंटन मुख्यमंत्री की पत्नी के नाम पर हुआ उसी में घोटाले के आरोप लग रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि पार्वती को मुडा द्वारा इन साइटों के आवंटन में अनियमितता बरती गई है।
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