मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने के लिए तैयार हुए प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर
सीएम ममता बनर्जी ने गतिरोध सुलझाने के लिए आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों को राज्य सचिवालय में बैठक के लिए बुलाया था। इस पर डॉक्टरों ने कहा था कि बंगाल के जिस स्वास्थ्य सचिव का हम इस्तीफा चाहते हैं, बैठक के लिए उनका मेल करना अपमानजनक है।
कोलकाता (आरएनआई) पश्चिम बंगाल में कोलकाता के सरकारी अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में राज्य में अभी भी प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने इस चिट्ठी में राज्य में जारी गतिरोध को रोकने के लिए सीएम के साथ बैठक की मांग की। इससे पहले सीएम ममता बनर्जी ने गतिरोध सुलझाने के लिए आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों को राज्य सचिवालय में बैठक के लिए बुलाया था। इस पर डॉक्टरों ने कहा था कि बंगाल के जिस स्वास्थ्य सचिव का हम इस्तीफा चाहते हैं, बैठक के लिए उनका मेल करना अपमानजनक है।
डॉक्टरों ने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक के लिए प्रतिनिधियों की संख्या को 10 तक सीमित करना भी उनके लिए अपमानजनक है। इस पर बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने बताया कि मुख्यमंत्री प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल के बैठक में आने का अपने कमरे में इंतजार करती रहीं, लेकिन उन्हें डॉक्टरों की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना नौ अगस्त की है। मृतक मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा और प्रशिक्षु डॉक्टर थीं। आठ अगस्त को अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद रात के 12 बजे उसने अपने दोस्तों के साथ डिनर किया। इसके बाद से महिला डॉक्टर का कोई पता नहीं चला। घटना के दूसरे दिन सुबह उस वक्त मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया जब चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से अर्ध नग्न अवस्था में डॉक्टर का शव बरामद हुआ। घटनास्थल से मृतक का मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किया गया। पोस्टमॉर्टम की शुरुआती रिपोर्ट से पता चला है कि महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी। जूनियर महिला डॉक्टर का शव गद्दे पर पड़ा हुआ था और गद्दे पर खून के धब्बे मिले। शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि मृतक महिला डॉक्टर के मुंह और दोनों आंखों पर था। गुप्तांगों पर खून के निशान और चेहरे पर नाखून के निशान पाए गए। होठ, गर्दन, पेट, बाएं टखने और दाहिने हाथ की उंगली पर चोट के निशान थे।
मामले की जांच के लिए आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ने 51डॉक्टरों को नोटिस जारी किया है। उन्हें 11 सितंबर को जांच समिति के सामने पेश होने को कहा गया है। उन पर संस्थान के लोकतांत्रिक माहौल को खतरे में डालने, डराने-धमकाने की संस्कृति को बढ़ावा देने और काम करने वाले माहौल को खराब करने का आरोप है। आरजी कर अस्पताल में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर की मौत के बाद नौ अगस्त से जूनियर डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टर्स ने कहा कि वे आरजी कर अस्पताल की मृतक डॉक्टर के लिए न्याय की मांग को लेकर अपना ‘काम बंद’ जारी रखेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार शाम पांच बजे तक डॉक्टरों को काम पर लौटने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर डॉक्टर्स काम पर नहीं लौटते तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।
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