मुख्यमंत्री बीरेन सिंह इस्तीफा दें, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी जवाबदेही से नही बच सकते: कांग्रेस
कांग्रेस ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की वीभत्स घटना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि मोदी ने राज्य में जातीय संघर्ष के मुद्दे की पूरी तरह से अनदेखी की और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को भी पद छोड़ने का निर्देश नहीं दिया।
नयी दिल्ली, 20 जुलाई 2023, (आरएनआई)। कांग्रेस ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की वीभत्स घटना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि मोदी ने राज्य में जातीय संघर्ष के मुद्दे की पूरी तरह से अनदेखी की और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को भी पद छोड़ने का निर्देश नहीं दिया।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए और प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी अपनी जवाबदेही से नहीं बच सकते।
प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराए जाने की घटना पर क्षोभ व्यक्त करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह घटना किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है और इससे पूरे देश की बेइज्जती हुई है।
संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले, मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देशवासियों को विश्वास दिलाया कि इस मामले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और कानून सख्ती से एक के बाद एक कदम उठाएगा।
मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर आया। अधिकारियों ने बताया कि यह वीडियो चार मई का है।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की और यह भी कहा कि संसद के इस मानसून सत्र में विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस’ (इंडिया) मणिपुर के विषय पर सरकार से जवाब मांगेगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुद इसका जवाब देना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि मणिपुर को लेकर 80 दिनों तक प्रधानमंत्री मोदी ने जो ‘चुप्पी साध रखी थी’ उसे देश कभी माफ नहीं करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार में लोकतंत्र और कानून के शासन को ‘भीड़तंत्र’ में बदल दिया गया है।
खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री को मणिपुर का दौरा करना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘ 1800 घंटे से अधिक समय की समझ से परे और अक्षम्य चुप्पी के बाद आखिरकार प्रधानमंत्री ने मणिपुर पर कुल 30 सेकंड तक बात की। प्रधानमंत्री ने अन्य राज्यों, विशेषकर विपक्ष द्वारा शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की तुलना करके मणिपुर में शासन की भारी विफलताओं और मानवीय त्रासदी से ध्यान हटाने का पुरजोर प्रयास किया।’’
रमेश ने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री ने जातीय संघर्ष के मुद्दे को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया। उन्होंने शांति की कोई अपील नहीं की और न ही मणिपुर के मुख्यमंत्री से पद छोड़ने के लिए कहा। सामने आए इस एक वीडियो पर उन्होंने यह टिप्पणी की है जबकि यह मणिपुर राज्य में हुई बर्बर हिंसा की सैकड़ों घटनाओं का एक उदाहरण मात्र है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने मणिपुर की हिंसा को अन्य राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों के साथ जोड़ने की कोशिश की। कांग्रेस शासित राज्यों में इन अपराधों को अंजाम देने वालों को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया गया है। मणिपुर में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में 15 दिन लग गए और आज, 64 दिन बाद, मणिपुर के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि गिरफ्तारियां की गई हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि मणिपुर में कानून-व्यवस्था और प्रशासन पूरी तरह चरमरा गया है।
रमेश ने कहा, ‘‘अब केवल शब्दों से काम नहीं चलेगा। शब्द नहीं, काम बोलना चाहिए। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री जवाबदेही से बच नहीं सकते। मणिपुर के मुख्यमंत्री को तुरंत पद छोड़ देना चाहिए। ‘इंडिया’ जवाब मांगना जारी रखेगा। मणिपुर में शांति और सुलह की दिशा सुनिश्चित करने के लिए…।’’
इससे पहले, खरगे ने ट्वीट किया ‘मणिपुर में मानवता खत्म हो गई। मोदी सरकार और भाजपा ने राज्य के नाजुक सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करके लोकतंत्र और कानून के शासन को भीड़तंत्र में बदल दिया है।’
कांग्रेस की महिला इकाई की अध्यक्ष नेटा डिसूजा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ देश के प्रधानमंत्री व तमाम केंद्रीय मंत्री अगर मणिपुर मुद्दे पर चुप हैं तो इसका मतलब है कि वह चाहते हैं, मणिपुर में हिंसा हो। इस घटना की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री को लेनी होगी। ’’
पार्टी सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि प्रधानमंत्री को सदन में स्पष्टीकरण देना चाहिए।
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