मिश्रिख लोकसभा सीट पर शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ मतदान, भीषण गर्मी के बावजूद लोगों ने बढ़-चढ़कर मतदान में लिया भाग
कछौना, हरदोई(आरएनआई) महा ऋषि दाधीच की तपस्वी भूमि मिश्रिख लोकसभा चुनाव 2024 शासक प्रशासन की मुस्तैदी के चलते शांति पूर्वक संपन्न हुआ। इसका विस्तार सीतापुर की मिश्रिख, हरदोई की बालामऊ, बिलग्राम, मल्लावां, संडीला व जिला कानपुर की बिल्हौर सहित तीन जिलों की पांच विधानसभा क्षेत्र में है। इस सीट में सबसे ज्यादा निर्णायक ग्रामीण मतदाता है। गोमती से लेकर मां गंगा के पार तक का क्षेत्र है। इस मतदान के चौथे चरण में भाजपा और सपा के मध्य कड़ा मुकाबला है। बसपा के मतदाता का रुझान इंडिया गठबंधन सपा की ओर के संकेत मिल रहे हैं। यहां 18 लाख 73 हजार मतदाता प्रत्याशियों के भविष्य को तय करेंगे। प्रत्याशियों के पांच वर्ष का भविष्य ईवीएम में कैद हो गया है। इस लोकसभा सीट का मतदान 54.91 प्रतिशत रहा। पूर्व की भांति मतदान प्रतिशत वर्ष 2019 के समक्ष रहा। मतदान में पुरुष महिलाओं, युवाओं, दिव्यांग जनों ने बढ़ चढ़कर मतदान में प्रतिभा किया। विधानसभा बालामऊ में चुनाव शांति पूर्वक संपन्न हुआ। भाजपा का चुनाव मैनेजमेंट बहुत अच्छा था, परंतु मैनेजमेंट के अनुसार ग्राम प्रधानों, सभासदों, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत व कार्यकर्ताओं में उस हिसाब से तैयारी व उत्साह नहीं था। वह केवल जनप्रतिनिधियों को फील गुड करने तक सीमित थे। वहीं विपक्षी को एक समुदाय ने भाजपा के प्रति अविश्वास, क्षेत्रीय मुद्दों की अनदेखी का आक्रोश का फायदा मिला। बसपा प्रत्याशी व इंडिया गठबंधन का हिस्सा न बनने पर बसपा के मतदाताओं ने सपा के साथ जाने में समझदारी का परिचय दिया। जिससे भाजपा व सपा के मध्य कड़ा मुकाबला है।मतदान प्रतिशत में कमी का मुख्य कारण मतदाता सूची का अलग-अलग होना भी अहम है, काफी संख्या में बोगस मतदाता भी शामिल है। जिम्मेदारों द्वारा जेंडर प्रतिशत को सही करने के लिए फर्जी रिपोर्टिंग की जाती है। जिसके कारण तहसील स्तर से पुरुष मतदाता के नाम हटा दिए जाते हैं। दूसरा अहम कारण रोजगार के लिए बाहर चंडीगढ़, पंजाब, दिल्ली व विदेश गए लोगों का चुनाव के समय गांव वापस न आना है। जबकि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में यह मतदाता क्षेत्रीय प्रत्याशियों के प्रयास से वापस आ जाते हैं। मतदान में भाग लेते हैं। काफी संख्या में मतदान ड्यूटी में लगे संविदा कर्मी, रोजगार सेवक, अनुदेशक, वाहनों में लगे ड्राइवरों का मतदान से महरूम होना पड़ता है।मतदान प्रतिशत में कमी का मुख्य कारण मतदाता सूची का अलग-अलग होना भी अहम है, काफी संख्या में बोगस मतदाता भी शामिल है। जिम्मेदारों द्वारा जेंडर प्रतिशत को सही करने के लिए फर्जी रिपोर्टिंग की जाती है। जिसके कारण तहसील स्तर से पुरुष मतदाता के नाम हटा दिए जाते हैं। दूसरा अहम कारण रोजगार के लिए बाहर चंडीगढ़, पंजाब, दिल्ली व विदेश गए लोगों का चुनाव के समय गांव वापस न आना है। जबकि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में यह मतदाता क्षेत्रीय प्रत्याशियों के प्रयास से वापस आ जाते हैं। मतदान में भाग लेते हैं। काफी संख्या में मतदान ड्यूटी में लगे संविदा कर्मी, रोजगार सेवक, अनुदेशक, वाहनों में लगे ड्राइवरों का मतदान से महरूम होना पड़ता है। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपर पुलिस महानिदेशक ने पुलिस टीम के साथ मतदान केंद्र जनता इंटर कॉलेज कछौना व समसपुर केंद्र का निरीक्षण किया। अराजकतत्वों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का निर्देश दिया। गड़बड़ी फैलाने वालों को बक्सा नहीं जाएगा। आम जनमानस में सुरक्षा की भावना व विश्वास पैदा किया। बूथों को पिंक बूथ व आदर्श बूथ के रूप में सजाया गया था। मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई गई थी। सेल्फी प्वाइंट आकर्षण का केंद्र रही, जहां पर मतदाता मतदान के बाद उत्साह के साथ सेल्फी ले रहे थे। सदस्य विधान परिषद अशोक अग्रवाल ने अपनी पत्नी सीमा अग्रवाल के साथ जनता इंटर कॉलेज बूथ पर मतदान कर लोगों में उत्साह बढ़ाया। नगर अध्यक्ष राधा रमण शुक्ला उर्फ पंकज ने अपनी टीम के साथ कमान संभाली, ज्यादा से ज्यादा नगर वासियों के घर निकल कर मतदान करने की अपील कर रहे थे। परिषदीय स्कूलों में कार्यरत रसोईया चुनाव में लगे कर्मियों व सुरक्षा कर्मियों को गरमा गरम भोजन करा रही थी। जिससे चुनाव कर्मियों को घर जैसा भोजन मिला। रसोइयों के भोजन कराने की सराहना कर्मी कर रहे थे। वह सीमित मानदेय में अपनी ड्यूटी का बखूबी निर्वहन कर रही थी। मतदान केंद्र पर आंगनवाड़ी, आशाबहू ,स्वास्थ्य कर्मी भी मुस्तैद रहे। ग्राम सभा भानपुर के मतदान केंद्र लालता खेड़ा में ग्रामीणों ने कई दशक से अपेक्षित हथौड़ा से त्यौंना कला सड़क निर्माण न होने को लेकर आक्रोश था, उन्होंने मतदान का बहिष्कार कर दिया। प्रशासन के काफी आश्वासन के बाद ग्रामीण मतदान के लिए तैयार हुए।
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