मार्शल लॉ लगाने के मामले में देश के पुलिस प्रमुख पर कार्रवाई
पुलिस के दोनों उच्चाधिकारियों के खिलाफ राजधानी सोल में स्थित संसद के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात करने का आरोप है, जिसे सांसदों को अंदर घुसने से रोकने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
सोल (आरएनआई) दक्षिण कोरिया में बीते हफ्ते राष्ट्रपति यून सुक योल की तरफ से लगाए गए मार्शल लॉ को लेकर कार्रवाई जारी है। अब तक देश में यून के खिलाफ तो कोई खास कदम नहीं उठाया गया है, पर मार्शल लॉ को लागू करने वाले अधिकारियों पर गाज गिरनी जारी है। इसका ताजा शिकार बने हैं दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी के आयुक्त जनरल चो जी हो। इसके अलावा एक और पुलिस अफसर किम बॉन्ग सिक पर भी कार्रवाई शुरू की गई है। वह दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में मेट्रोपोलिटन पुलिस एजेंसी के प्रमुख हैं। दोनों को सोल के नैमदेमुन पुलिस स्टेशन में हिरासत में रखा गया है।
पुलिस के दोनों उच्चाधिकारियों के खिलाफ राजधानी सोल में स्थित संसद के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात करने का आरोप है, जिसे सांसदों को अंदर घुसने से रोकने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। तब सांसदों का एक बड़ा समूह राष्ट्रपति यून की तरफ से लगाए गए मार्शल लॉ को हटाने के लिए संसद में वोटिंग करना चाहते थे। पुलिसबल की तैनाती की वजह से उन्हें मुख्य दरवाजे से एंट्री नहीं मिली थी। बाद में सांसद खिड़कियों और अन्य रास्तों से संसद में घुसे।
पुलिस के दो सबसे बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई का यह कदम ऐसे समय में आया है, जब दक्षिण कोरिया के मुख्य विपक्षी दल- डेमोक्रेटिक पार्टी ने राष्ट्रपति यून पर महाभियोग चलाने के लिए एक और प्रस्ताव दिया है देश की प्रमुख कानूनी एजेंसियां राष्ट्रपति की तरफ से मार्शल लॉ लगाने के कदम की जांच कर रही हैं और पता लगा रही है कि यून का एलान बगावत था या नहीं। बीते हफ्ते ही यून के खिलाफ लाया गया महाभियोग का एक प्रस्ताव सफल नहीं हो पाया था। तब सत्तासीन पार्टी ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया था। हालांकि, विपक्ष अब फिर शनिवार तक महाभियोग प्रस्ताव पर वोटिंग चाहता है।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद राष्ट्रपति यून ने अपने रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। बाद में उन्हें मार्शल लॉ के फैसले में उनकी भूमिका के लिए गिरफ्तार कर लिया गया। किम योंग-ह्यून पर यात्रा प्रतिबंध भी लगा दिया गया है और मामले की जांच चल रही है। वहीं रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को तीन वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया, जो इस ऑपरेशन में शामिल थे।
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि उसने मार्शल लॉ ऑपरेशन में शामिल तीन वरिष्ठ कमांडरों को निलंबित कर दिया है, जिसके तहत बड़ी संख्या में सैनिकों को संसद के बाहर तैनात किया गया था। मंगलवार को एक संसदीय सुनवाई के दौरान सेना के एक कमांडर क्वाक जोंग-क्युन ने कहा कि उन्हें किम योंग-ह्यून से सेना को संसद की तरफ भेजने का सीधा आदेश मिला था। उन्होंने बताया कि किम ने उन्हें निर्देश दिया था कि 300 सदस्यों वाली संसद में सांसदों को घुसने से रोकना है, ताकि यून के मार्शल लॉ को हटाने के लिए जरूरी 150 वोट न जुटाए जा सकें।
क्वाक के मुताबिक, यून ने बाद में उन्हें खुद फोन किया और अंदर घुसे सांसदों को दरवाजा तोड़कर बाहर निकालने का निर्देश दिया। साथी कमांडर से चर्चा के बाद क्वाक ने पाया कि अब कुछ नहीं किया जा सकता और सांसदों को हटाने के लिए ब्लैंक की फायरिंग या बिजली नहीं बंद की जा सकती।
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